उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ की सहायक नहर शारदा में दिखी डॉल्फिन मछली को ग्रामीणों ने मार डाला। मामला नवाबगंज थाना के कोथारिया गांव का है। यहां नहर में दिखी डॉल्फिन मछली का ग्रामीणों ने शिकार कर लिया। दर्जन भर ग्रामीणों ने लगभग 5 फीट लंबी डॉल्फिन को धारदार हथियार से मार डाला।
सूचना मिलने पर पुलिस के आला अफसर और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। उसने डॉल्फिन के शव को कब्जे में ले लिया। वन विभाग की टीम ने डॉल्फिन के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद, वहीं उसका अन्तिम सस्कार भी कर दिया। इस दौरान डॉल्फिन मछली को देखने के लिए ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा।
संभावना जताई जा रही है कि गंगा नदी से शारदा सहायक नहर में यह डॉल्फिन आई होगी। इस घटना के बाद पुलिस और वन विभाग की टीम मामले की जांच करने में जुटी है। लेकिन अभी तक मछली को मारने वाले ग्रामीणों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की जा सकी है। पुलिस और वन विभाग के अधिकारी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे है।
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5 अक्टूबर 2009 को गंगेटिक डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया था। केंद्र सरकार ने इसे 1972 में भारतीय वन्य जीव संरक्षण कानून के दायरे में लाया था। डॉल्फिन स्तनधारी और नेत्रहीन जलीय जीव होती है. इसे सन ऑफ रिवर भी कहा जाता है।
डॉल्फिन मछली के शिकार के पीछे यह आशंका भी जताई जा रही है कि ग्रामीणों ने इसका शिकार भोजन के लिए इरादे से किया हो। शायद यही वजह है कि शुरू में पुलिस या वन विभाग के अधिकारियों को शिकारियों ने सूचना नहीं दी।