सैलरीड क्लास (Salaried Class) लोग आपको अक्सर ये कहते हुए मिल जाएंगे कि महीने की 15 तारीख के बाद से उनके लिए मंथ एंड की शुरुआत हो जाती है। मतलब ये कि 15 तारीख के बाद उनकी सैलरी (Salary) लगभग खत्म हो जाती है। फिर वो किसी भी तरह से बाकी के 15 दिन के खर्च को मैनेज करते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, तो हम आपको एक फॉर्मूला बता रहे हैं। ये फॉर्मूला आपके घरेलू बजट से जुड़ा है, जिसके सहारे आप अपनी सैलरी को बेहतर तरीके से मैनेज कर पाएंगे। 50-30-20 इस फॉर्मूले के सहारे आप अपना घरेलू बजट बना सकते हैं।
सैलरी (Salary) के 50 फीसदी हिस्से का इस्तेमाल
सैलरीड क्लास लोगों की सैलरी आमतौर पर महीने की 30 या 31 और एक तारीख को उनके खाते में क्रेडिट हो जाती है। इसलिए सैलरी आने के बाद आप इसके 50 फीसदी हिस्से को सबसे बेसिक खर्च के लिए अलग कर दें। जैसे घर का रेंट, कार की ईएमआई और घर के राशन आदि। ये ऐसे खर्च हैं, जिनमें कटौती नहीं की जा सकती है। इसलिए सैलरी आने के साथ ही आप ऐसे खर्च के लिए पैसे को अलग कर दें।
पसंद की चीजों पर खर्च कर सकते हैं 30 फीसदी हिस्सा
इसके बाद आप अपनी सैलरी का 30 फीसदी हिस्सा अपनी पसंद की चीजों पर खर्च कर सकते हैं। जैसे आप अपनी फैमिली के साथ फिल्म देखने जा सकते हैं। किसी रेस्टोरेंट में डिनर के लिए जा सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि इस 30 फीसदी हिस्से को खर्च करना सबसे चुनौती भरा काम है।
इस स्कीम में करें एक बार निवेश, हर महीने मिलेगी पेंशन
मान लीजिए कि आपको नया फोन लेना हो और छुट्टी पर कहीं बाहर घूमने भी जाना हो। ऐसे में आपको अपने खर्च को मैनेज करना होगा और इनमें से सबसे जरूरी काम लगे उन्हें पूरा कर लें। मान लीजिए कि किसी महीने फोन खरीद लिया और फिर अगले महीने बाहर घूमने जाने का भी प्लान बना लिया।
सबसे जरूरी है 20 फीसदी हिस्सा
आखिरी में आपको अपनी सैलरी के 20 फीसदी हिस्से को बेहतर तरीके से निवेश करना है। सैलरी का सबसे अहम हिस्सा यही है, जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन आर्थिक रूप से आपके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ये सबसे जरूरी है। एक बार आप फिल्म देखने के खर्च में कटौती कर सकते हैं। लेकिन सेविंग से समझौता कभी ना करें। आप तमाम जगहों पर निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में एसआईपी भी कर सकते हैं। इसलिए अब जब भी सैलरी आए, तो 50,30 और 20 के फॉर्मूले को ना भूलें।