उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक चर्चित मानी जाने वाली समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई में प्रधान पद के लिए पहली दफा मतदान किया जा रहा है।
दलित जाति के लिए आरक्षण होने के बाद एकमत होकर नेताजी के करीबी बुजुर्ग रामफल बाल्मीकि को मुलायम परिवार ने प्रधान पद के लिए मैदान में उतारा था, लेकिन एक अन्य महिला विनीता के नामांकन कर देने से सैफई में निर्विरोध निर्वाचन की परंपरा पर ब्रेक लग गया। इसी कारण सोमवार सुबह 7 बजे से सैफई के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में मतदान शुरू हो गया है।
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाने वाले रामफल बाल्मीकि को प्रधान बनाने के लिए पूरा सैफई गांव एकमत हो चला है। सोमवार सुबह समाजवादी पार्टी के नेता और बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, उनके पिता अभय राम सिंह यादव, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव अपनी पत्नी राजलक्ष्मी के साथ इस मतदान केंद्र पर मतदान करने के लिए पहुंचे। तीनों ने बारी-बारी से नामांकन के बाद अपनी उंगली पर लगी हुई नीली स्याही को दिखाते हुए प्रदर्शन किया।
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इससे पहले कभी भी सैफई गांव में प्रधान पद के लिए मतदान नहीं हुआ है। हमेशा से निर्विरोध प्रधान निर्वाचित होता रहा है। यह पहला मौका है जब सैफई गांव में प्रधान पद के लिए मतदान होने जा रहा है। साल 1971 से लगातार प्रधान निर्वाचित होते आ रहे दर्शन सिंह का पिछले साल 17 अक्टूबर को 1971 निधन हो गया था। रामफल भी दर्शन सिंह की तरह ही मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी रहे हैं। इसी गांव के रामप्रकाश दुबे का कहना है कि लोग 100 प्रतिशत जीत का दावा करते हैं, मेरा दावा तो 110 प्रतिशत का है। रामफल के अलावा कोई दूसरा इस प्रधान नहीं बन पाएगा। सैफई गांव के ही दशरथ सिंह यादव कहते हैं कि रामफल बाल्मीकि उनके चाचा सामान हैं और उनको गांव का प्रधान बनाने के लिए सभी ने एक मत होकर तय कर लिया है।
पहले रामफल बाल्मीकि के निर्विरोध प्रधान निर्वाचित होने की प्रबल संभावनाएं जताई जा रही थी, लेकिन एक अन्य विनीता के नांमाकन ने निर्विरोध निर्वाचन की उम्मीद खत्म कर दी। रामफल बाल्मीकि सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी है। साल 1967 से मुलायम सिंह यादव से जुड़े रामफल बाल्मीकि की पत्नी इससे पहले कई दफा जिला पंचायत सदस्य रह चुकी है। सैफई गांव के प्रधान पद पहली दफा अनूसुचित जाति के लिए आरक्षित किए जाने पर रामफल बाल्मीकि को सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हरी झंडी दी। इससे पहले मुलायम सिंह के दोस्त दर्शन सिंह 1972 से प्रधान निर्वाचित होते रहे।
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रामफल बाल्मीकि कहते है कि साल 1967 से नेताजी की सेवा में रहे हैं। नेताजी के साथ क्रांति रथ में भी घूम चुके है। अनुसूचित जाति की सीट घोषित होने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आशीर्वाद देकर प्रधान पद के लिए नाम तय किया। सैफई प्रधान सीट कभी इस वर्ग के लिए आरक्षित नहीं रही। यहां लगातार मुलायम सिंह यादव के बालसखा दर्शन सिंह यादव निर्विरोध प्रधान निर्वाचित होते रहे। दर्शन सिंह का निधन पिछले साल हो गया, इसलिए सैफई की प्रधानी पहली बार दर्शन सिंह यादव के बिना तय की गई है। लेकिन रामफल बाल्मीकी ने दर्शन सिंह का भाई समान बता अपने आप को हर किसी का मुरीद बना लिया है।