नई दिल्ली| कोरोना ने बाजार और खरीदारी को लेकर उपभोक्ताओं का नजरिया बदल दिया है। इसकी वजह से बाजार में उपभोक्ताओं का एक नया वर्ग ‘जेनरेशन एन आया है। यह वर्ग पहली बार इंटरनेट, सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से जुड़ा है। ऐसे में कंपनियों को भी अपनी रणनीति में बदलाव के लिए मजबूर होना पड़ा है।
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यह वर्ग पहली बार इंटरनेट, सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से जुड़ा है। करोना की वजह से डिजिटल को तरजीह इनकी पहली पसंद बन गई है। जबकि उसके पहले डिजिटल दुनिया से इन्हे ज्यादा मतलब नहीं था। यह पीढी जेनरेशन सी या जेनरेशन कनेक्ट से भी आगे दिख रही है।
मेकेंजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक ‘जेनरेशन एन’ की वजह से अमेरिका के ई-कॉमर्स बाजार में सिर्फ तीन माह (90 दिन) में नौ साल के बराबर बदलाव आया है। वर्ष 2009 में ई-कॉमर्स की पहुंच या उपलब्धता महज पांच फीसदी लोगों तक थी जो वर्ष 2019 के अंत तक बढ़कर 16 फीसदी तक ही पहुंच पाई थी।
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उपभोक्ताओं पर किए गए इस सर्वे में बेहद चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इसमें कहा गया है कि दुनिया के सिर्फ बड़े शहरों में ही नहीं बल्कि भारत में ग्रामीण क्षेत्र और छोटे शहरों में भी ‘जेनरेशन एन’ के रूप में नई पीढ़ी सामने आई है। भुगतान को लेकर लोग ज्यादा डिजिटल हुए हैं। इसमें खरीदार के साथ छोटे दुकानदार भी शामिल हैं।