अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में 5 अगस्त को फिर दीपावली बनेगी। उन्होंने लोगों से दीपावली के अवसर पर घर-घर दीपक जलाने का आह्वान किया। साथ ही राम मंदिर के मुहूर्त पर सवाल उठा रहे लोगों को करारा जवाब देते हुए कहा कि विगत 500 साल में इतना शुभ मुहूर्त पहली बार आया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अयोध्या का दौरा किया और राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण स्थल पर लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न को नए आसन पर विराजमान किया। मुख्यमंत्री दोपहर में अयोध्या पहुंचे और पूजा में शामिल हुए। उन्होंने हनुमानगढ़ी मंदिर में प्रार्थना की और कार्यशाला में मंदिर निर्माण के लिए तराशे गये पत्थरों का निरीक्षण किया। बाद में वे कारसेवकपुरम गए और उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कारसेवकपुरम विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय में संतों तथा राममंदिर न्यास के सदस्यों के साथ बैठक की।
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उन्होंने कहा कि हम सभी शुभ कार्यक्रम के लिए एक साथ आएंगे। 4 और 5 अगस्त की रात को सभी घरों और मंदिरों में ‘दीपोत्सव’ मनाया जाएगा। दीपावली अयोध्या से जुड़ी है और अयोध्या के बिना त्योहार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री अयोध्या आ रहे हैं। अयोध्या के लिए खुद को साबित करने का एक मौका है। आज पूरा विश्व अयोध्या की तरफ देख रहा है। हमें अनुशासन में रहकर दुनिया के सामने एक मिसाल पेश करनी है। अयोध्या को देश और दुनिया का गौरव प्रदान करेंगे। स्वच्छता पहली शर्त होनी चाहिए।
योगी ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के लिए संगठित रूप से देशव्यापी आंदोलन चलाया गया। यह काम राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मार्गदर्शन में विश्व हिन्दू परिषद ने संतों के निर्देशन में किया। आज परिणाम हमारे सामने आया। 500 साल बाद अयोध्या में ऐसा शुभ मुहूर्त आया है। 5 अगस्त को दुनिया भव्य कार्यक्रम देखेगी। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ शुभ मुहूर्त में शामिल होना चाहिए।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मुख्यमंत्री को मंदिर परिसर में होने वाले निर्माण कार्याें की जानकारी दी। राय ने योगी और संतों को बताया कि शिलान्यास के कार्यक्रम में अयोध्या और अयोध्या के बाहर आध्यात्मिक जैन, बौद्ध सभी धर्मों के लोगों को बुलाने का एक विचार चल रहा है। यह बड़ा व्यापक कार्यक्रम है। योगी अयोध्या में तीन घंटे रहे। साधु-संतों से भेंट के बाद वे अधिकारियों के साथ बैठक कर लखनऊ के लिए रवाना हो गए।
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कारसेवक पुरम में संतों की बैठक में राम जन्मभूमि विवाद में पक्षकार और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ट्रस्ट में सदस्य बनाए गए निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास को नहीं बुलाया गया। महंत ने कहा कि सूचना न होने के कारण बैठक में नहीं गया लेकिन जो हो रहा है, अच्छा हो रहा है। भगवान का भव्य मंदिर बनना चाहिए। वहीं, राम जन्मभूमि आंदोलन में बिगुल फूंकने वाले राम जन्म भूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. रामविलास वेदांती को भी कारसेवक पुरम के बैठक की सूचना नहीं थी। इसलिए वह इस बैठक में नहीं गए। लेकिन, मानस भवन में मुख्यमंत्री ने इनको बुलाकर शिलान्यास के बारे में मंत्रणा की। मुख्यमंत्री द्यारा रामलला का दर्शन किए जाने के दौरान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र भी मौजूद थे।
सूत्रों के अनुसार शिलान्यास समारोह में मंदिर आंदोलन से जुड़े पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा सहित तमाम नेताओं और साधु -संतों को आमंत्रित किया गया है।