उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मुर्तिहा रेंज में आतंक का पर्याय बने तेंदुये को पकड़ने के लिये वन विभाग ने जाल बिछाया है।
रेंज के अंतर्गत गोलहना गांव में बीते गुरूवार को तेंदुआ एक मासूम को दादी की गोद से तेंदुआ खींच ले गया था। शुक्रवार देर शाम को बच्ची का क्षत-विक्षत शव गन्ने के खेत में मिला है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग ने पिंजड़ा लगाया है। साथ ही तेंदुए के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए 12 थर्मो सेंसर कैमरे लगाए गए हैं। गांव में माहौल शांतिपूर्ण है। देर रात एसडीएम व सीओ भी घटनास्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों से वार्ता की।
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वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मुर्तिहा रेंज अंतर्गत गोलहना गांव निवासी विजय बहादुर की पुत्री श्रेया (5) दादी सुमित्रा की गोद में बैठी थी। बृहस्पतिवार को शाम करीब 4 बजे जंगल से आया तेंदुआ मासूम को झपट्टा मारकर गन्ने के खेत में खींच ले गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे वन विभाग की गाड़ियों पर गुस्साए ग्रामीणों ने पथराव कर दिया, जिससे कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे। इस पथराव में कई वनकर्मी घायल हो गए थे। मासूम की तलाश पुलिस की मौजूदगी में वनकर्मी कर रहे थे। शुक्रवार को बच्ची का शव गांव निवासी जयप्रकाश के गन्ने के खेत में मिला।
प्रभारी निरीक्षक सुबोध कुमार ने बताया कि शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। डीएफओ द्वारा डब्लूडब्लूएफ की ओर से दस हज़ार रुपये की अहेतु सहायता पीड़ित परिवार को दी गई है।
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उधर, देर रात एसडीएम ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी व सीओ डॉ. जंग बहादुर यादव घटनास्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों से बातचीत कर उन्हें शांत कराया। डीएफओ यशवंत सिंह ने बताया कि गांव में माहौल शांत है। डीएफओ ने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए गांव में पिंजड़ा लगाया गया है। साथ ही तेंदुए के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए 12 थर्मो सेंसर कैमरे लगाए गए हैं। कैमरे से भी तेंदुए पर नजर रखी जा रही है।