कोलकाता। पश्चिम बंगाल में भाजपा की पूर्व सांसद रूपा गांगुली (Roopa Ganguly ) को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह बांसद्रोणी पुलिस स्टेशन के सामने धरना दे रही थीं। उन्होंने बीती पूरी रात पुलिस थाने के सामने धरना दिया। जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्ण था। पूरी रात रूपा गांगुली थाने के बाहर बैठी रहीं। इस बीच बंगाल पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है। अब पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लाल बाजार लेकर गई है।
रिपार्ट्स में दावा किया जा रहा है कि रूपा गांगुली (Roopa Ganguly ) बीती रात से ही बांसद्रोणी पुलिस थाने में धरना दे रही थीं। रूपा को 3 अक्तूबर की सुबह गिरफ्तार किया गया। भाजपा कार्यकर्ताओं की मानें तो पुलिस ने रूपा को तकरीबन 10 बजे हिरासत में लिया। इसके बाद उन्हें लाल रंग की गाड़ी में बिठाकर लाल बाजार ले जाया गया।
इस बीच राजनीतिक उत्तेजना और विवाद बढ़ने लगा है। रूपा गांगुली (Roopa Ganguly ) ने आरोप लगाया है कि उनका बैग थाने में रह गया। यहां तक कि उनको शौचालय जाने की अनुमति नहीं दी गई। रूपा की गिरफ्तारी पर राज्य बीजेपी के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद शमीक भट्टाचार्य ने कहा कि वह बांसद्रोणी घटना का विरोध करते हुए थाने में बैठी थीं, लेकिन राज्य की तृणमूल सरकार आलोचना सहन नहीं कर सकती।
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दरअसल, भाजपा नेता बांसद्रोणी में हुई सड़क दुर्घटना को लेकर नाराज थीं। उन्होंने मामले को लेकर पुलिस की हिलावली के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। रूपा गांगुली का कहना था कि जब तक पुलिस आरोपियों को हिरासत में नहीं लेती, वो थाने के सामने धरना देती रहेंगी। पुलिस ने उन्हें समझाने का भी भरकस प्रयास किया, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हुईं।
जानें क्या है मामला?
बता दें कि बीते बुधवार सुबह कोलकाता नगर निगम के 113 नंबर वार्ड के निवासी एक नौवीं कक्षा का छात्र कोचिंग सेंटर जा रहा था। उस सेंटर के पास सड़क मरम्मत का काम चल रहा था। वहां एक जेसीबी ने उस छात्र को कुचल दिया। छात्र को गंभीर चोट लगी थी। रक्तरंजित अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
इस घटना के बाद बांसद्रोणी में माहौल तनावपूर्ण हो गए। स्थानीय निवासियों का आरोप था कि छात्र की मौत के बाद से स्थानीय काउंसिलर अनिता मजूमदार का कोई पता नहीं चला। सड़क की खराब स्थिति को लेकर गुस्सा बढ़ गया था। लोग सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे। पाटुली थाने के ओसी को रोककर प्रदर्शन किया गया। बाद में कोलकाता पुलिस के सहायक आयुक्त प्रदीप घोषाल भी प्रदर्शन के सामने आए। शाम को कोलकाता पुलिस के डीसी (दक्षिण उपनगर) विदिशा कलिता दासगुप्ता घटना स्थल पर पहुंची, तो धरपकड़ शुरू हुई।