फर्जी कंपनी बनाकर आाकारी विभाग में अपने करीबियों को शराब के ठेके दिलाने के मामले में सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने रिटायर्ड आाकारी उप आयुक्त भारत रत्न अशोक को उनकी पत्नी सुधारानी श्रीवास्तव के साथ गिरफ्तार किया है। जांच कर रही विजिलेंस लखनऊ की टीम ने ठोस सुाूतों को जुटाने के बाद सोमवार सुाह प्रयागराज बेली रोड स्थित घर से उन दोनों को पकड़ लिया।
प्रयागराज के कर्नलगंज में नया कटरा स्थित बेली रोड निवासी भारत रत्न अशोक श्रीवास्तव 2009 में वाराणसी मंडल के आाकारी उप आयुक्त के पद पर तैनात थे। उसी दौरान उनके खिलाफ मिजार्पुर सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ था। अशोक पर पत्नी और अन्य लोगों के साथ फर्जी फर्म ानाकर आाकारी विभाग में शराब के ठेके दिलाने का फर्जीवाड़ा करने का आरोप था। शिकायत पर 24 जून 2009 को मिजार्पुर में सदर कोतवाली में धोखाधड़ी, कूट रचना, भ्रष्टाचार समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई थी। इसके बाद मामले की जांच सर्तकता अधिष्ठान को सौंप दी गई थी।
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मौजूदा समय में लखनऊ की विजिलेंस टीम मुकदमे की जांच कर रही है। सोमवार को मामले की विवेचना कर रहे इंस्पेक्टर राम चंद्र चौधरी ने कर्नलगंज पुलिस के साथ बेली रोड स्थित मकान से रिटायर हो चुके आरोपित भारत रत्न अशोक और सहअभियुक्त उनकी पत्नी सुधारानी को गिरफतार कर लिया। उन्हें कर्नलगंज थाने लाया गया। जहां लिखा-पढ़ी और मेडिकल जांच के बाद दोनों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष कोर्ट में पेश करने के लिए वाराणसी ले जाया गया। सर्तकता अधिष्ठान के डीजी पीवी रामा शास्त्री ने बताया कि शासन ने अभियोजन की अनुमति मिलने के बाद चार्जशीट तैयार कर गिरफतारी की गई है।
विजलेंस के अधिकारी के मुताबिक रिटायर्ड आाकारी उप आयुक्त भारत रत्न अशोक का पुत्र भी इस मामले में वांछित है। इसके अलावा अलग-अलग जिलों के चार अन्य लोग भी फरार चल रहे हैं। विजिलेंस की टीम इन आरोपितों की तलाश में लगी है। छापेमारी के दौरान पूर्व आाकारी उप आयुक्त के घर में उनका आरोपित बेटा नहीं मिला।
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उधर, गिरफ्तारी के बाद कर्नलगंज थाने में पूर्व आाकारी उप आयुक्त अशोक ने तबियत बिगड़ने और बेहोशी का नाटक कर विजिलेंस और पुलिस को जमकर परेशान किया। पुलिस उन्हें जांच के लिए पहले बेली और कॉ”िवन अस्पताल ले गई। डॉक्टरों की जांच के बाद उन्हें कोर्ट में पेश करने के लिए दोपहर बाद पुलिस टीम वाराणसी के लिए रवाना हो गई।