हाथरस गैंगरेप और मर्डर की जांच कर सीबीआई जेल में बंद चारों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। पुलिस कस्टडी रिमाण्ड लेने के लिए सीबीआई की जांच अधिकारी ने सारे दस्तावेज तैयार कर लिए हैं। माना जा रहा है कि जांच टीम शीघ्र ही न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करेगी। दूसरी तरफ इस मामले में हाथरस के सस्पेड एसपी और मौजूदा डीएम, सस्पेंड किये गये इंस्पेक्टर, दारोगा और सिपाही के बयान दर्ज करने के लिए शीघ्र ही नोटिस भेजे जाएंगे। सीबीआई पीड़िता के परिवार से भी पूछताछ कर सकती है। सीबीआई पीड़िता की मां से मैजिस्ट्रेट के सामने बयान देने को भी कह सकती है क्योंकि वह मामले की मुख्य गवाह हैं।
बूलगढ़ी गांव पहुंची सीाीआई टीम ने जांच शुरू करने के साथ थाने और एसआईटी के जांच सांंधी सारे दस्तावेज अपने कजे में ले लिए हैं। केंद्रीय एजेंसी ने मामले के मुख्य आरोपी संदीप के खिलाफ आईपीसी की धारा 376डी (गैंगरेप), 307 (हत्या का प्रयास) और 302 (हत्या) के साथ ही एससी-एसटी ऐक्ट की धारा 3 के तहत केस दर्ज किया है। बता दें कि केस में एसआईटी जांच के ाीच योगी सरकार ने सीबीआई को जांच की अनुशंसा भेजी थी।
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सीाीआई सूत्रों के मुताबिक घटना के 2 हफ्ते बाद पीड़िता के सैंपल फरेंसिक जांच के लिए भेजे गए थे। माना जा रहा है कि जांच में देरी की वजह से ही फरेंसिक रिपोर्ट में कुछ स्पष्ट नहीं हो सका। रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता के शरीर में सीमन नहीं पाया गया था। युवती के साथ रेप के 11 दिन ााद सैंपल लिए गए थे जाकि सरकारी गाइडलाइन सख्त रूप से कहती है कि घटना के 96 घंटे तक ही फरेंसिक साूत मिल सकते हैं। ऐसे में मौत से पहले 22 सितांर को पीड़िता का ायान जिसमें उसने गैंगरेप का आरोप लगाया है, सीबीआई उसे ही साूत का मुख्य आधार मान सकती है।
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सीाीआई का मानना है कि यूपी पुलिस जिसने मामले में शुरूआती एफआईआर दर्ज की थी उसने कोर्ट से आरोपियों की कस्टडी बिना मांगे ही उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। मुख्य आरोपी संदीप 20 सितांर को गिरफ्तार हुआ था जाकि बाकी तीन आरोपी 23 से 27 सितांर के ाीच गिरफ्तार हुए थे। इसके साथ ही केस की शुरूआती जांच में कोई महिला पुलिस अधिकारी को भी शामिल नहीं किया गया था जो कि रेप के मामलों में अनिवार्य होता है। इसके पीछे वजह यह है कि यूपी पुलिस शुरू से इसे रेप केस नहीं मान रही थी।
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बता दें कि सीाीआई ने 19 साल की दलित युवती के साथ गैंगरेप की घटना के करीब 4 हफ्ते बाद रविवार को केस दर्ज दिया है। सेंट्रल एजेंसी को इसकी जांच में कई चुनौतियां आ सकती हैं। सीबीआई टीम की प्रमुख सीमा पाहुजा हैं जो सीबीआई की गाजियाबाद यूनिट की डीएसपी स्तर की अधिकारी हैं। वह इससे पहले हिमाचल प्रदेश में नाबालिग बच्ची के साथ रेप जैसे कई चर्चित मामलों को देख चुकी हैं।
गौरतला है कि 14 सितांर को हाथरस जिले के चंदपा क्षेत्र में 19 साल की एक दलित युवती से गैंगरेप का मामला सामने आया था। युवती को पहले अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था जहां ाीते 29 सितांर को उसकी मौत हो गई। मौत के बाद रात में ही पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया था। इसके बाद घटना के विरोध में देश में जगह-जगह प्रदर्शन हुए।