बांदा। समाजवादी पार्टी में शामिल हुए बीजेपी के पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति (Brajesh Prajapati) के खिलाफ 25 लाख की धनराशि न देने पर मारपीट करने और जान से मारने की धमकी का मामला दर्ज हुआ था। इस मुकदमे में कोर्ट में हाजिर न होने पर उन्हें 5 समर्थकों के साथ जेल भेज दिया गया। घटना के समय बृजेश प्रजापति बीजेपी के विधायक थे। इसी वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे।
बांदा के तत्कालीन खनिज अधिकारी ने बृजेश (Brajesh Prajapati) के खिलाफ केस दर्ज कराया था। मामले की अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी। जानकारी के मुताबिक, तत्कालीन खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने बृजेश प्रजापति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि 9 अगस्त 2018 को सर्किट हाउस में बुलाकर पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति ने 25 लाख रुपए की मांग की थी। रुपए न देने पर उनके साथ मारपीट की गई और जान से मारने की धमकी भी दी गई थी।
इस मामले में पुलिस ने उनके खिलाफ मारपीट, अवैध वसूली और सरकारी कार्य में बाधा आदि संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया था। BJP में रहते हुए मामला ठंडे बस्ते में रहा। लेकिन जैसे ही बृजेश ने स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ सपा जॉइन किया तो उनकी मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गईं।
हालांकि इस केस में उच्च न्यायालय से कुछ दिन स्टे भी बताया जा रहा है। लेकिन तमाम दलीलों के बाद कोर्ट ने बृजेश को पेश होने के निर्देश दिए थे। लेकिन वह कोर्ट में वह पेश नहीं हुए। सोमवार को बृजेश ने अपने समर्थकों संग कोर्ट में सरेंडर कर दिया, जिसके बाद MP MLA की कोर्ट ने बृजेश और उसके 5 समर्थकों को जेल भेज दिया।
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बता दें, बृजेश (Brajesh Prajapati) विधानसभा चुनाव के पहले स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ BJP छोड़ सपा जॉइन कर चुके हैं। उन्होंने तिंदवारी से 2022 में समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा था और हार गए थे। इसके पहले 2017 से 2022 तक बृजेश भाजपा से तिंदवारी के विधायक भी रहे। बृजेश ने आरोप लगाया कि सरकार उनके साथ द्वेष भावना से कार्रवाई कर रही है। सरकार चाहती है कि बृजेश सपा छोड़ BJP में वापस आ जाए। उन्होंने कहा, ”खनिज अधिकारी ने फर्जी आरोप लगाकर केस दर्ज कराया था। हमें न्यायपालिका में पूरा भरोसा है। न्याय होगा। मैं BJP में होता तो शायद से सब ना होता।”