लखनऊ में छह जनवरी को हुए पूर्व ज्येष्ठ उप प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड में पूर्व सांसद धनंजय सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। लखनऊ के कोर्ट ने मंगलवार को उसे भगोड़ा घोषित कर दिया।
धनंजय सिंह, अजीत सिंह हत्याकांड में साजिश रचने का आरोपी है। मामले में लखनऊ पुलिस शूटर सहित अभी तक कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
बता दें कि अभी तीन जुलाई को ही धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह जौनपुर से निर्दलीय जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं। वह भाजपा के सहयोगी दल की मदद से चुनाव जीती हैं।
लखनऊ पुलिस धनंजय सिंह की तलाश कर रही है। पुलिस धनंजय सिंह के जौनपुर स्थित घर भी जा चुकी है लेकिन वह नहीं मिला।
इसके पहले धनंजय सिंह अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटा चुका है पर उसे राहत नहीं मिली। अब उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। इससे उसकी मुश्किलें और बढ़ेंगी।
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आपको बता दें कि विभूतिखंड थानाक्षेत्र के कठौता चौराहे पर 6 जनवरी की रात 8.30 बजे ताबड़तोड़ फायरिंग कर मऊ के मुहम्मदाबाद गोहना के पूर्व ज्येष्ठ उप प्रमुख अजीत सिंह की हत्या कर दी गई। इस दौरान उसके करीबी मोहर सिंह व राहगीर आकाश यादव भी घायल हुए। इस वारदात में एक हमलावर राजेश तोमर भी गंभीर रूप से घायल हुआ था। पुलिस ने इस मामले मेें गिरफ्त में आये शूटरों व अन्य आरोपियों के बयान के आधार पर जौनपुर के पूर्व सांसद व बाहुबली नेता धनंजय सिंह को हत्या की साजिश रचने का आरोपी बनाया। धनंजय सिंह ने ही शूटरों के रहने का ठिकाना दिलाया था।
वहीं गैंगवार में घायल शूटर राजेश तोमर के इलाज का पूरा इंतजाम कराया था। चाहे लखनऊ में अपने फ्लैट में चिकित्सक बुलाने का मामला हो या सुल्तानपुर में निजी अस्पताल में इलाज का। पुलिस ने सांसद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कराया।
इसके बाद उन्होंने 5 मार्च को प्रयागराज की कोर्ट में पुराने मामले की जमानत तुड़वाकर आत्मसमर्पण कर दिया। करीब 25 दिन बाद ही उनको इसी मामले में कोर्ट ने जमानत दे दी। इसके बाद से वह अंडरग्राउंड हो गए।