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पूर्व सांसद उमाकांत यादव समेत 7 को उम्रकैद, 27 साल GRP सिपाही पर बरसाई थी गोलियां

Umakant Yadav

Umakant Yadav

जौनपुर।  27 वर्ष पुराने बहुचर्चित जीआरपी सिपाही हत्याकांड में जौनपुर की कोर्ट ने पूर्व सांसद उमाकांत यादव ( Umakant Yadav) समेत 7 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। खुटहन विधानसभा से तीन बार विधायक और मछली शहर से एक बार सांसद रह चुके उमाकांत यादव, उनके ड्राइवर राजकुमार यादव सहित 7 लोगों को 6 अगस्त को दोषी करार दिया गया था।

जानकारी के अनुसार, 4 फरवरी 1995 को जौनपुर के शाहगंज रेलवे स्टेशन पर जीआरपी सिपाही अजय सिंह की हत्या के मामले में पूर्व सांसद उमाकांत यादव ( Umakant Yadav) और उनके गनर समेत सात लोगों पर दोष सिद्ध हुआ था। घटना के समय उमाकांत यादव मौजूद थे।

यह था पूरा मामला

मामला 4 फरवरी 1995 का है। शाहगंज स्टेशन मास्टर कार्यालय प्लेटफार्म नंबर एक पर बेंच पर बैठने की बात को लेकर कुछ लोग झगड़ा हो गया। उसमें उमाकांत का ड्राइवर राजकुमार भी शामिल था। सूचना पर जीआरपी चौकी के सिपाहियों ने राजकुमार को हिरासत में लिया। इसकी खबर उमाकांत तक पहुंची तो 7 लोगों (गनर बच्चू लाल स्टेनगन (कार्बाइन), पीआरडी जवान सूबेदार, धर्मराज, महेंद्र और सभाजीत) के साथ मौके पर पहुंच गए।

ड्राइवर को छुड़ाने के लिए जीआरपी पुलिसकर्मियों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। जिसमें जीआरपी सिपाही अजय सिंह की मौत हो गई, जबकि सिपाही लल्लन सिंह, रेलवे कर्मचारी निर्मल वाटसन और यात्री भरतलाल गोली लगने से जख्मी हो गए।

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आरोपियों ने जीआरपी चौकी के मालखाने को लूटने की कोशिश की थी। सीबीसीआईडी ने मामले की जांच की। साक्ष्यों और गवाहों को देखते हुए अपर सत्र न्यायाधीश (MP-MLA कोर्ट) शरद कुमार त्रिपाठी ने शनिवार को उमाकांत यादव समेत 7 आरोपियों को दोषी करार दिया था।

ऐसा रहा पॉलिटिकल करियर

आजमगढ़ के पूर्व सांसद रमाकांत यादव के भाई बाहुबली पूर्व सांसद उमाकांत यादव खुटहन विधानसभा (अब शाहगंज विधानसभा) से 3 बार विधायक और मछलीशहर लोकसभा से बीएसपी सांसद रह चुके हैं। बाहुबली उमाकांत यादव जेल में रहकर बीजेपी उम्मीदवार केशरी नाथ त्रिपाठी को 2004 का लोकसभा चुनाव हराकर पहली बार सांसद बने थे।

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