शिक्षक संघ की राजनीति में 50 साल तक एकछत्र राज करने वाले शिक्षक एमएलसी ओमप्रकाश शर्मा का आज निधन हो गया। वे करीब 84 साल के थे। हालांकि उनका निधन किन कारणों से हुआ इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं हो पाई है लेकिन पूर्व एमएलसी के निधन की खबर मिलते ही उनके समर्थकों का घर पर तांता लगना शुरू हो गया।
बताया जाता है कि उन्होंने खुद को कुछ अस्वस्थ महसूस किया और उसके बाद उनके चिकित्सक पुत्र ने उनका उपचार शुरु किया लेकिन इसके कुछ ही देर बाद उनका निधन हो गया।
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उतर प्रदेश शिक्षक राजनीति का 50 साल से नेतृत्व कर रहे शिक्षक नेता व निवर्तमान एमएलसी ओमप्रकाश शर्मा एक बड़ा नाम थे । 50 साल तक ओमप्रकाश शर्मा के इर्द-गिर्द ही शिक्षकों, कर्मचारियों की राजनीति घूमती रही। ओम प्रकाश शर्मा ने विधान परिषद का पहला चुनाव 1970 में जीता था। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
अंतिम चुनाव उन्होंने 2014 में जीता था। शर्मा की लोकप्रियता 90 के दशक में इतनी थी कि सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई और साढ़े 10 बजे तक उन्हें प्रथम वरीयता के 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिल जाते थे। गत दिनों मिली हार पर उन्होंने साफ कहा था कि हार से शिक्षकों के आंदोलन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
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शिक्षक हित में आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने यह भी आराेप लगाया था कि षडयंत्र के साथ सरकार ने उन्हे हराया है। चुनाव हारने के बाद भी पूर्व एमएलसी ओम प्रकाश शर्मा शिक्षकों के हित के लिए प्रयासरत थे। शनिवार काे भी वे जीआईसी में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए थे।