लखनऊ। राजधानी में रहने वाले उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम (UPSC) के पूर्व प्रबंधक श्रीकृष्ण त्रिपाठी को गुरुवार को करोड़ों की धोखाधड़ी व गबन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन पर क्लोरीन टैबलेट की आपूर्ति में साढ़े चार करोड़ रुपये गबन करने का आरोप है।
इस मामले में यूपी पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की कानपुर यूनिट जांच कर रही थी। पुलिस उनको और उनके आधा दर्जन साथियों की पिछले कई महीनों से तलाश कर रही थी।
कानपुर सेक्टर की ईओडब्लू टीम के इंस्पेक्टर अशोक कुमार के मुताबिक, चिनहट के अशरफ बिहार कालोनी निवासी श्रीकृष्ण त्रिपाठी को गुरुवार को चिनहट पुलिस की मदद से उनके घर से गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ लखनऊ के सरोजनी नगर थाना और कानपुर के काकादेव थाना में धोखाधड़ी के मामले दर्ज है। जिसकी विवेचना ईओडब्लू की कानपुर यूनिट कर रही है।
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यूपीएसआईसी (UPSC) के पूर्व प्रबंधक श्रीकृष्ण त्रिपाठी ने विनोद पांडेय के साथ मिलकर मैसर्स इरा इंटर प्राइजेज लखनऊ के नाम से उद्योग निदेशालय से फर्जी प्रमाण पत्र प्राप्त किया था।
जिसके आधार पर सरकारी विभागों में क्लोरीन टैबलेट की सप्लाई एवं अन्य सामग्री की आपूर्ति का ठेका लेकर 4,56,93,636 रुपये का गबन किया। जिसकी विवेचना में धोखाधड़ी साबित होने पर सभी के खिलाफ चार्जशीट लगाई गई थी।