उत्तर प्रदेश में संतकबीरनगर के जिला व सत्र न्यायाधीश महफूज अली ने लगभग सवा चार वर्ष पूर्व हुई हत्या के एक मामले में मां तथा उसके दो बेटों को आजीवन कारावास तथा 17 हजार रूपये के का जुर्माना लगाया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 18 जुलाई 2016 को मुकामी थाना क्षेत्र के गरथवलिया गांव निवासी प्रमिला पत्नी राजकुमार ने मुकदमा दर्ज कराया कि उनका व उनके चचेरे देवर का परिवार एक ही मकान में रहता है जिनसे उनका विवाद चल रहा है। 17 जुलाई 2016 की रात उनके पति छत पर और वह अपने बच्चों अंकित नौ वर्ष और आर्यन सात वर्ष के साथ बरामदे में तख्त पर सो रही थी।
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भोर में लगभग पांच बजे उनके पति की अचानक चीख सुनाई पड़ी। हड़बड़ा कर उठने पर वह छत की तरफ दौड़ कर गई। वहां उन्होंने देखा कि चचेरे देवर ओंकार, राम सिंह पुत्रगण हरिदास व उनकी माँ शांति देवी छत से उतर रहे थे। उन्हें देखते ही ओंकार ने कुल्हाड़ी से उनके ऊपर भी हमला कर दिया तभी शांति देवी ने अपने लड़कों से कहा कि पूरे परिवार को खत्म कर दो। उन्होंने कुल्हाड़ी से सो रहे बच्चों पर वार कर दिया। आर्यन की मौके पर मृत्यु हो गई। पति को सिर में गम्भीर चोटें लगीं।
जिला व सत्र न्यायाधीश महफूज अली ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई के बाद तीनों अभियुक्त शांति देवी उसके पुत्र ओंकार तथा राम सिंह को सश्रम आजीवन कारावास व विभिन्न धाराओं में रुपये 17 हजार रूपये का जुर्माना लगाया। जुर्माना न अदा करने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।