मुरादाबाद। फर्जी कागज तैयार कराकर गैंगस्टर द्वारा जमानत लेने का मामला प्रकाश में आया है। प्रकरण में आरोपी और जमानत लेने वाले उसके साथी जमानतियों ने अपने फर्जी नाम व पते दिए थे। मामले में चार लोगों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।
गैंगस्टर का एक आरोपी फर्जी दस्तावेज के माध्यम से जेल से रिहा हो गया। पुलिस की जांच में इसका खुलासा हुआ है। आरोपी ने जेल में बैठकर इसकी साजिश रची। जिसके लिए आरोपी और जमानत लेने वाले उसके साथियों ने फर्जी नाम पते दिए। इस मामले में चार लोगों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।
सदर कोतवाली प्रभारी अजय कुमार की ओर से दर्ज कराए गए केस में बताया गया है कि थाना कटघर क्षेत्र के करुला निवासी नदीम थाना कटघर का गैंगस्टर है। नदीम के खिलाफ मुगलपुरा थाने में भी मुकदमा दर्ज किया गया था। इसकी विवेचना कोतवाली प्रभारी द्वारा की गई।
कटघर थाना में दर्ज नदीम के मुकदमे की जमानत 10 अक्तूबर 2017 को अपर सत्र विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट द्वारा स्वीकृत की गई थी, जिसमें अमर सिंह निवासी मूंढापांडे द्वारा जमानत ली गई थी। तस्दीक की गई तो अमर सिंह नाम का कोई व्यक्ति मिला ही नहीं। मूंढापांडे थाने ने जांच की तो पता चला कि जमानत पर मौजूद प्रपत्रों की तस्दीक रिपोर्ट एसआई टीपी सिंह द्वारा लगाई गई थी, जबकि इस नाम का कोई उपनिरीक्षक मूंढांपांडे थाने में कभी तैनात ही नहीं रहा। थाने की मोहर भी फर्जी पाई गई। हैसियत रिपोर्ट लगाने वाले राजस्व निरीक्षक बाबूराम शर्मा ने भी इसे फर्जी बताया।
इसके अलावा नागफनी थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे में भी अमर सिंह और पूरन सिंह निवासी ग्राम भैंसिया ने जमानत ली थी। इस मामले में जमानतियों की जांच की गई तो पता चला कि अमर सिंह और पूरन सिंह नाम का कोई भी व्यक्ति ग्राम मूंढापांडे व ग्राम भैंसिया में नहीं रहते हैं। वहीं दोनों जमानतियों के नाम ग्राम की वोटर लिस्ट में भी दर्ज नहीं हैं। जांच में नदीम व उसके पैरोकारों ने फर्जी जमानत तस्दीक कराकर उसकी जमानत कराने की पुष्टि हुई। सदर कोतवाली इंस्पेक्टर अजय कुमार की तहरीर पर नदीम, अमर सिंह और पूरन सिंह तथा नदीम के पैरोकार के खिलाफ थाना सिविल लाइंस में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। क्षेत्राधिकारी सिविल लाइंस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।