आषाढ़ माह की अमावस्या (Amavasya) तिथि पर आषाढ़ अमावस्या का स्नान और दान किया जाएगा. इस साल आषाढ़ अमावस्या 29 जून दिन बुधवार को है. आषाढ़ अमावस्या तिथि 28 जून मंगलवार को सुबह 05:52 बजे से लेकर 29 जून को सुबह 08:21 बजे तक है. सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि 29 जून को प्राप्त हो रही है, इसलिए अमावस्या का स्नान दान इस दिन ही किया जाएगा.
अमावस्या पर स्नान और दान करने से पुण्य प्राप्ति के साथ पितर प्रसन्न होते हैं. इस दिन आप चाहें तो, पितरों को तृप्त करने के साथ ही कुंडली में व्याप्त कालसर्प दोष (Kal sarp dosh) से मुक्ति भी पा सकते हैं. इसके लिए आपको कुछ आसान उपाय करने होंगे. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं अमावस्या पर कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) से मुक्ति के उपायों के बारे में.
कालसर्प दोष (Kal sarp dosh) मुक्ति के आसान उपाय
- अमावस्या के दिन आप पवित्र नदी में स्नान करने के बाद सूर्य देव को जन अर्पित करें. पितरों को तर्पण दें, उसके बाद चांदी के बने हुए नाग-नागिन की प्रतिकृति का पूजन करें. फिर उसे जल में प्रवाहित कर दें. ऐसा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.
- कालसर्प दोष मुक्ति का एक आसान उपाय है शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करना. अमावस्या को स्नान के बाद आसन लगाकर भगवान शिव के समक्ष बैठ जाएं और पूरे मनोयोग से शिव तांडव स्तोत्र पाठ करें. भगवान शिव की कृपा से कालसर्प दोष दूर होगा.
- भगवान शिव समय और काल से परे हैं, तभी तो वे महाकाल हैं. जिन पर उनका आशीर्वाद हो जाए, उसका कालसर्प दोष कुछ भी नहीं कर सकता है. राहु और केतु के कारण कालसर्प दोष का निर्माण होता है. इससे मुक्ति के लिए अमावस्या पर राहुकाल में भगवान शिव की पूजा कराएं.
- कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए आप राहु ग्रह की शांति करा सकते हैं. इससे भी आपको लाभ प्राप्त हो सकता है.
- कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव का रुद्राभिषेक कराना भी उत्तम रहता है, लेकिन देखना होगा कि अमावस्या पर शिव वास है या नहीं. जिस दिन शिव वास होता है, उस दिन रुद्राभिषेक कराते हैं. सावन आने वाला है, चाहें तो उसमें रुद्राभिषेक करा सकते हैं. सावन भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय माह है.