लखनऊ। सूबे में बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन का जाल बिछा चुकी इस्लामिक दावा सेंटर और इसके जैसी अन्य संस्थाएं विदेशों से धन मंगाने के लिए अमेरिकन आनलाइन ट्रांजैक्शन सर्विस कंपनी पेपाल का इस्तेमाल कर रही थीं। मामले में प्रिवेंशन आफ मनी लॉडरिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पड़ताल में यह जानकारी सामने आई है। रिमांड पर लाये गए बड़ोदरा के सलाउद्दीन ने भी पूछताछ में इसकी पुष्टि की है।
धर्मान्तरण कराने वाली संस्था इस्लामिक दावा सेंटर के संचालक मौलाना उमर गौतम को विदेशी फंड मुहैया कराने वाले बड़ोदरा के सलाउद्दीन को मंगलवार को 7 दिन की रिमांड पर एटीएस मुख्यालय लाया गया है। पूछताछ में उसने बताया कि इस्लाम के विस्तार के क्षेत्र में काम करने वाले दुनिया के कई संगठन उसके संपर्क में हैं।
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यह संगठन भारत मे धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग करते हैं। इन्हीं संगठनों से वह उमर की संस्था को धन दिलवाता था। खुद उसकी संस्था को भी इन संगठनों से हर साल मोटी रकम मिलती है। रकम बहुत ज्यादा होती है इसलिए इसे हवाला के जरिये मंगवाते हैं। ज्यादातर धन फॉरेन मनी एक्सजेंच और आॅनलाइन ट्रांजेक्शन की सुविधा देने वाली अमेरिकन कम्पनी पेपाल के जरिये आता था।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पेपाल के इस्तेमाल का खुलासा इटावा पुलिस ने जनवरी में किया था। इटावा पुलिस ने रिलायंस जियो के टावर से लूट करके इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अमेरिका में बेचने वाले गिरोह को पकड़ा था। पकड़े गए बदमाशों ने बताया था कि अमेरिका के बाजार में उपकरण बेचने और लेनदेन के लिए वह पेपाल का इस्तेमाल करते हैं। इस वेबसाइट को आपरेट करने के लिए किसी ऐसे ब्रॉउजर का इस्तेमाल करते हैं जिसे आसानी से ट्रेस नहीं किया जा सकता।