संचार, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि वर्ष 2025 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में इलेक्ट्रानिक और स्मार्टफोन विनिर्माण की एक अरब डॉलर की हिस्सेदारी होगी।
श्री प्रसाद ने उद्योग संगठन एसोचैम के एक वर्चुअल सम्मेलन में कहा कि भारत में इलेक्ट्रानिक और स्मार्टफोन उद्योग का भविष्य बहुत ही उज्जवल है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में जहां देश में स्मार्टफोन बनाने वाली दो संयंत्र थे वहीं अभी इनकी संख्या 250 हो चुकी है। इस क्षेत्र का बेहतर तरह से उपयोग किये जाने से जब देश की अर्थव्यवस्था पांच लाख करोड़ डॉलर की होगी तब इस क्षेत्र का इसमें एक लाख करोड़ डॉलर का योगदान होगा। उन्हाेंने कहा कि इस क्षेत्र में अब तक छह लाख प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन हो चुका है।
श्री प्रसाद ने नीतियों का उल्लेख करते हुये कहा कि सही नीतियों से उत्पादन में उल्लेखनीय बढोतरी हुयी है और इस क्षेत्र का विकास भी हुआ है। उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन स्कीम (पीएलआई) का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि कोरोना काल में यह स्कीम शुरू की गयी है और इनके अब तक वैश्विक स्तर की पांच प्रमुख कंपनियों को भारत में आकर्षित किया है। इसके साथ ही देश की पांच प्रमुख कंपनियां भी बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम होंगी।
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उन्होंने कहा कि ये कंपनियां अगले पांच वर्षों में देश में 10 लाख करोड़ रुपये के मोबाइल फोन और उसके उपकरण आदि बनाने में सक्षम होंगी। इसमें से सात लाख करोड़ रुपये के उत्पाद निर्यात किये जाने का अनुमान है। इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर नौ लाख लोगों काे रोजगार मिलने की संभावना है।
मंत्री ने देश में इलेक्ट्रानिक विनिर्माण का उल्लेख करते हुये कहा कि वर्ष 2025 तक एक अरब स्मार्टफोन, पांच करोड़ टेलीविजन और पांच करोड़ लैपटॉप एवं टैबलेट आदि के उत्पादन की उम्मीद है। इसके बल पर भारत को मोबाइल विनिर्माण का वैश्विक केन्द्र बना उद्देश्य है।
श्री प्रसाद ने डेटा प्रबंधन और सुरक्षा पर सरकार के रूख को दोहराते हुये कहा कि भविष्य में डेटा ही दुनिया को संचालित करने वाला है और इससे जुड़े कारोबारों की प्रमुखता होगी। उन्होंने कहा कि देश को डेटा रिफाइनिंग और डेटा नवाचारक प्रमुख केन्द्र बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।