Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

कोरोना काल में इस साल मुंबई का गणेशोत्सव रहेगा फीका, जाने क्या होंगे बदलाव

Ganeshotsav of Mumbai will fade this year

मुंबई का गणेशोत्सव रहेगा फीका Ganeshotsav of Mumbai will fade this year

देश की राजधानी मुंबई का सबसे बड़ा त्योहार गणेशोत्सव जो अपनी साज सज्जा, संगीत से बल पर पूरे देश में मनाया जाता है जो इस बार कोरोना महामारी के चलते इतनी धूमधाम से नही मनाया जाएगा। कोरोना के सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र में ही हो रहे है। इसलिए पूरी मुंबई गणेशोत्सव से फीकी दिखाई देगी।

22 अगस्त को गणेश चतुर्थी मनाई जाने वाली है और मुंबई में कोरोना काल में इसके लिए अलग तरह की तैयारियां चल रही हैं। एक हफ्ते से दस दिन के उत्सव के बाद समुद्र में बहुत बड़े स्तर पर मूर्ति विसर्जन का कार्यक्रम मुंबई की सांस्कृतिक शान रहा है, लेकिन इस बार कई जगह छोटे छोटे टैंक बनाए जा रहे हैं। एक तरफ निर्देश भी हैं, तो दूसरी तरफ आयोजकों की अपनी समझ भी।

राज्य सरकार ने पिछले महीने जारी किए निर्देशों में लोगों से आर्टिफिशियल जल निकायों में मूर्ति विसर्जन करने को कहा है। हालांकि अब तक समुद्र या अन्य प्राकृतिक जल इकाइयों में विसर्जन के लिए कोई बैन नहीं लगा है। इसके बावजूद कोविड 19 के सबसे बड़े हॉटस्पॉट रहे मुंबई में इस बार उत्साह कम है। इस बार गणेश प्रतिमाओं की ऊंचाई को लेकर भी नियम बना दिए गए हैं।

कटरीना ने किया कोरोना काल में 100 बैकग्राउंड डांसर्स के एकाउंट्स में पैसे ट्रान्सफर

इस बार सार्वजनिक पंडालों में चार फीट और घरेलू झांकियों में दो फीट से ऊंची प्रतिमा नहीं दिखेगी। वहीं सरकारी निर्देशों के तहत हर इलाके में आर्टिफिशियल टैंक बनाए जा रहे हैं। कई जगह पंडाल लगाने वाले आयोजक ही टैंक बनवा रहे हैं क्योंकि निर्देशों के मुताबिक विसर्जन में 5 से 10 लोग से ज़्यादा इकट्ठे नहीं हो सकेंगे।

गणेशोत्सव पर ज्यादा ढ़ोल नगाड़ो के साथ भीड़ पर पाबंदी लगाई गयी है। इस बार सोशल डिस्टेंसिंग के नियम के चलते भीड़ नहीं जमा की जानी है इसलिए बड़ा जुलूस तो नहीं होगा लेकिन थोड़ा बहुत संगीत आयोजन ज़रूर होगा क्योंकि इस पर कोई बैन नहीं है।

86 सालों में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि मुंबई के गणेशोत्सव के दौरान सबसे ज़्यादा चर्चा लालबाग के गणेश मंडप की होती रही है, जिसके दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु देश भर से पहुंचते रहे हैं और 24 घंटे से भी ज़्यादा लाइन में खड़े रहकर दर्शन करते हैं। लेकिन इस साल  मुंबई में लालबाग के राजा यानी गणेश मंडप का आयोजन नहीं होगा।

इस साल पंडाल का आयोजन नहीं हो रहा है। हालांकि जो पंडाल आयोजन नहीं कर रहे हैं, उनमें से कुछ ने कहा है कि सोशल मीडिया के ज़रिये श्रद्धालुओं को ऑनलाइन दर्शन कराने की व्यवस्था की जाएगी ताकि पंडालों पर भीड़ जमा न हो।

शिवसेना सांसद संजय राउत के बयान पर सुशांत के चाचा बोले- बंद करो गंदी राजनीति

लगे हुए पंडालो में वो दिन में तीन बार तक पंडाल को सैनिटाइज़ करने जैसे कदम उठाने वाले हैं। साथ ही, श्रद्धालुओं के टेंपरेचर और ऑक्सीजन चेक की व्यवस्था भी होगी।

कोविड 19 के चलते चूंकि अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हुई है इसलिए इस बार गणेशोत्सव के लिए आयोजकों के पास चंदा कम इकट्ठा हो सका है। दूसरी तरफ, मुंबई में पंडालों में राजनीतिक पार्टियों और बड़े व्यापारियों का पैसा लगता रहा है और बड़े ब्रांडों से स्पॉन्सरशिप मिलती रही है, इसमें भी इस साल कमी देखी जा रही है।

इस साल मुंबई का गणेशोत्सव कई तरह के बदलावों और हालात की मार से न तो भव्य दिखेगा और न ही बेहद आकर्षक हो सकेगा। फिर भी श्रद्धा और भक्ति का एक माहौल मुंबई में उत्सव के दस दिनों तक बना रहेगा।

 

Exit mobile version