लखनऊ/प्रयागराज: भारत के बाद अब अमेरिका समेत कई देशों में त्रिवेणी संगम (Sangam) के जल को लेकर जबरदस्त चर्चा हो रही है। एक ओर वैज्ञानिक समुदाय में गंगा जल (Ganga Jal) की शुद्धता और इसके अनोखे गुणों की वजह को लेकर गहन मंथन किया जा रहा है। दूसरी ओर विज्ञान के क्षेत्र में करोड़ों रिसर्च पेपर और जर्नल प्रकाशित करने वाली संस्था एकेडमिया गंगा जल (Ganga Jal) से जुड़े रहस्यों को जानने के लिए उत्सुक है। मां गंगा के जल को अल्कलाइन वॉटर से भी ज्यादा शुद्ध सिद्ध करने वाले पद्मश्री वैज्ञानिक डॉक्टर अजय सोनकर (Ajay Sonkar) से पूरी दुनिया के तमाम देशों के लोग संपर्क कर रहे हैं। इनमें हैदराबाद, अंडमान, तमिलनाडु से लेकर अमेरिका, इटली, कनाडा, स्विट्जरलैंड तक लोग शामिल हैं। ये लोग यहां महाकुम्भ में पवित्र स्नान करने के बाद अपने साथ गंगाजल भी ले गए।
पूरी दुनिया हैरान
डॉक्टर सोनकर के अनुसार यूट्यूब पर गंगा जल (Ganga Jal) के वीडियो पूरी दुनिया में खूब देखे गए। इसे लेकर सीएम योगी की चर्चा सात समंदर पार तक पहुंच गई है। दुनिया इस बात से हैरान है कि 66 करोड़ से भी ज्यादा लोग बिना किसी असुविधा के संगम (Sangam) स्नान कैसे कर गए। साथ ही चीन के बाद दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी के स्नान के लिए इतना बड़ा आयोजन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अकेले कैसे कर लिया।
वैज्ञानिक आधार को समझ रहे शोधकर्ता
गंगा जल (Ganga Jal) को लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिक और शोधकर्ता पद्मश्री वैज्ञानिक डॉ. सोनकर से इसके वैज्ञानिक आधार को समझ रहे हैं। डॉ. सोनकर ने अपने इस शोध में पाया है कि गंगा जल में 1100 प्रकार के बैक्टीरियोफेज मौजूद हैं। जो किसी भी हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं। इस पर दुनिया भर में शोधकर्ताओं की विशेष रुचि है। लोग ई मेल और सोशल मीडिया के माध्यम से इस मुद्दे पर सबसे ज्यादा जानकारी चाहते हैं।
भारत ही नहीं, दुनियाभर में पहुंचा पवित्र गंगा जल (Ganga Jal)
यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गंगा जल से जुड़े वीडियो तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गंगा संरक्षण और संवर्धन की पहल अब सात समंदर पार तक चर्चा का विषय बन चुकी है। हैदराबाद, अंडमान, तमिलनाडु से लेकर अमेरिका, इटली, कनाडा और स्विट्जरलैंड तक लोग गंगाजल को अपने साथ ले गए हैं। यह जल न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि इसकी वैज्ञानिक विशेषताओं ने भी लोगों को आकर्षित किया है। डॉ. सोनकर ने बताया कि विश्व के बड़े वैज्ञानिक और शोधकर्ता गंगाजल की खूबियों को लेकर प्रतिदिन उनसे नई नई जानकारी मांगते हैं। जिसे उपलब्ध कराया जा रहा है। यहां से विश्व के तमाम देशों के लोग गंगा जल अपने साथ लेकर गए। अपने घर पर रखा क्रिस्टल क्लियर गंगाजल देख पूरी दुनिया अभिभूत है।
स्टेटस सिंबल भी बना जल (Ganga Jal)
गंगा जल (Ganga Jal) की पारदर्शिता और शुद्धता को देखकर लोग चकित हो रहे हैं। कई विदेशी पर्यटक इसे अपने घरों में रखने को लेकर उत्सुक हैं। गंगा जल अब न केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि यह लोगों के लिए एक स्टेटस सिंबल भी बन चुका है।
लोग गंगाजल को विभिन्न बर्तनों में रखकर उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं। धार्मिक महत्व के साथ-साथ गंगा जल अब एक सांस्कृतिक विरासत बन गया है। जिसे लोग गर्व से अपने साथ रख रहे हैं।