नवरात्रि (Navratri) का पर्व देवी दुर्गा की भक्ति और साधना का सबसे बड़ा अवसर माना जाता है। मान्यता है कि इन नौ दिनों में माता रानी पृथ्वी पर अपने भक्तों के घर पधारती हैं और विधि-विधान से की गई पूजा उनका आशीर्वाद पाने का सबसे सीधा मार्ग है लेकिन कई बार लोग नवरात्रि में पूजन सामग्री को लेकर उलझन में रहते हैं कि आखिर किन-किन चीज़ों का इंतज़ाम करना ज़रूरी है। यहां हम आपके लिए लेकर आए हैं नवरात्रि (Navratri) पूजन की पूरी लिस्ट, ताकि आपकी आराधना में कोई कमी न रह जाए।
शास्त्रों में कहा गया है कि देवी पूजन अधूरा नहीं होना चाहिए। अगर पूजन में आवश्यक सामग्री की कमी रह जाए तो श्रद्धा और भक्ति होने के बावजूद साधना का फल कम हो सकता है। वहीं, पूरी सामग्री के साथ नवरात्रि पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और मां दुर्गा की कृपा बनी रहती है। नवरात्रि (Navratri) शुरू होने से पहले यह सामग्री इकट्ठा कर लें, ताकि घट स्थापना और नौ दिन की पूजा बिना किसी रुकावट के हो सके।
नवरात्रि (Navratri) पूजन की मुख्य सामग्री
कलश और नारियल- घट स्थापना के लिए मिट्टी का या तांबे का कलश, उसके ऊपर रखने के लिए नारियल और आम की पत्तियां।
लाल चुनरी और वस्त्र- देवी मां को लाल रंग विशेष प्रिय है, इसलिए चुनरी और वस्त्र ज़रूरी माने जाते हैं।
मूर्ति या चित्र- मां दुर्गा की प्रतिमा या फोटो, जिसे पूजास्थल पर स्थापित किया जाता है।
मिट्टी और जौ- कलश स्थापना में मिट्टी में जौ बोने की परंपरा है, जो समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं।
दीपक और घी/तेल- अखंड ज्योति के लिए पीतल या मिट्टी का दीपक और शुद्ध घी/सरसों का तेल।
धूप, कपूर और अगरबत्ती- सुगंध और शुद्ध वातावरण के लिए।
पंचमेवा और मिष्ठान्न- नैवेद्य के लिए किशमिश, बादाम, काजू, मखाना, इलायची आदि।
कुमकुम, रोली, हल्दी, चावल (अक्षत)- तिलक और पूजन में इनका विशेष महत्व है।
सुपारी, लौंग और इलायची- पूजन और हवन में अनिवार्य मानी जाती हैं।
गंगाजल- शुद्धिकरण और आचमन के लिए।
फूल और माला- विशेषकर लाल और पीले फूल मां को अर्पित किए जाते हैं।
फल- मौसमी फल जो भोग के रूप में अर्पित किए जाते हैं।
पान और नारियल- शुभ कार्यों में पान के पत्ते का विशेष महत्व है।
सिंदूर और बिंदी- मां दुर्गा को अर्पित करने के लिए।
शुद्ध जल का कलश- आचमन और पूजा के लिए।
हवन सामग्री- गूगल, लकड़ी, हवन कुंड, घी आदि।
कंचन (सिक्का)-पूजा में देवी को धन का प्रतीक चढ़ाया जाता है।
माता की थाली- सजाकर उसमें फल, मिष्ठान्न और अन्य भोग रखा जाता है।