अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर ने भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) , उनके भतीजे सागर अडानी और अन्य अधिकारियों पर सौर ऊर्जा से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर यानी लगभग 2110 करोड़ रिश्वत देने का आरोप लगाया है। आरोपों के अनुसार, यह रिश्वत 2020 से 2024 के बीच बड़े सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए दी गई, जिससे अडानी समूह को 2 बिलियन डॉलर से अधिक का लाभ होने की संभावना थी।
क्या है पूरा मामला?
अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से कथित तौर पर इस भ्रष्टाचार को छुपाया गया था, जो परियोजनाओं के लिए अरबों डॉलर का निवेश कर रहे थे। अमेरिकी कानून विदेशी भ्रष्टाचार के मामलों को आगे बढ़ाने की अनुमति देता है, यदि वे अमेरिकी निवेशकों या बाजारों से संबंधित हों। न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस ने इस मामले को विस्तृत रिश्वत योजना बताया। अडानी (Gautam Adani) , उनके भतीजे और अडानी ग्रीन एनर्जी के पूर्व सीईओ विनीत जैन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी, वायर फ्रॉड और साजिश का आरोप लगाया गया है।
इस मामले में कनाडाई पेंशन फंड सीडीपीक्यू के तीन पूर्व कर्मचारियों पर भी रिश्वत जांच में बाधा डालने का आरोप लगाया गया। सीडीपीक्यू अडानी समूह की कंपनियों में शेयरधारक है। यह मामला अडानी समूह के लिए एक और बड़ी चुनौती बन सकता है।
इससे पहले जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने समूह पर स्टॉक हेरफेर और अकाउंटिंग धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे, जिसके कारण अडानी समूह के बाजार मूल्य में 150 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था। हालांकि, समूह ने सभी आरोपों का खंडन किया है और अधिकांश नुकसान की भरपाई की है।
सेलफोन पर ट्रैक करने का आरोप
अदालत के दस्तावेजों में खुलासा हुआ कि रिश्वत योजना के दौरान अडानी (Gautam Adani) को न्यूमेरो यूनो और द बिग मैन जैसे कोड नामों से संदर्भित किया गया था। साथ ही, उनके भतीजे सागर अडानी पर रिश्वत से संबंधित जानकारी को सेलफोन पर ट्रैक करने का आरोप है। अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) ने अडानी ग्रीन एनर्जी और एज़्योर पावर पर भी नागरिक मामले दर्ज किए हैं। इन कंपनियों ने कथित तौर पर अमेरिकी निवेशकों से 175 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए। बता दें कि यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजनाओं में से एक से जुड़ी है। अब, इस मामले पर अडानी समूह की प्रतिक्रिया का इंतजार है।