जयपुर। गहलोत सरकार ने आज बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में सीबीआई की डायरेक्ट एंट्री पर अंकुश लगा दिया है। अब सीबीआई को जांच के लिए पहले राज्य सरकार की सहमति लेना जरूरी होगा।
इस संबंध में गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्र सरकार पर आरोप लगा चुके हैं कि दबाव बनाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है तथा गहलोत ने कहा था कि आज देश में गुंडागर्दी हो रही है, मनमर्जी के हिसाब से छापे मारे जा रहे हैं।
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मुझे दो दिन पहले ही पता लग गया था कि मेरे करीबियों के छापे पड़ेंगे। बता दें, राजस्थान कांग्रेस के दो बडे़ नेताओं राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र राठौड़ के ठिकानों पर यह छापेमारी हुई थी।
उधर, राजस्थान उच्च न्यायालय ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में अनुपस्थिति पर व्हीप का उल्लंघन करने के नोटिस के विरोध में दायर याचिका पर आज सुनवाई कल सुबह तक टाल दी।
मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत मोहंती एवं प्रकाश गुप्ता की खण्डपीठ ने आज दोनों पक्षाें के तर्क सुनने एवं बहस के बाद सुनवाई कल तक के लिए स्थगित कर दी। कांग्रेस की और से अधिवक्ता अभिषेक मनुसिंघवी ने याचिका को अपरिपक्व बताते हुए इससे निरस्त करने पर जोर दिया। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की कार्यवाही संविधान सम्मत बताया।
#Breaking on EXPLOSIVE #EXCLUSIVE | Rajasthan Govt modifies rules for CBI in the State and says that ‘CBI can enter only with State permit’.
Arvind with details. pic.twitter.com/zr9ZP7hCTh
— TIMES NOW (@TimesNow) July 20, 2020
पायलट गुट की तरफ से हरीश सालवे ने कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलना,बोलेने की आजादी,के तहत कार्य में आता है, इसे बगावत नहीं कहा जा सकता है। सालवे ने यह भी कहा कि यह विधायक पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नही हैं