देश में कोविड के डेल्टा वैरिएंट के बढ़ते खतरे से सतर्क उत्तर प्रदेश सरकार ने संक्रमण से बचाव के लिये जीनोम सिक्वेंसिंग की शुरूआत कर दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कोरोना प्रबंधन के लिये गठित टीम-09 की बैठक में कहा कि कोविड वैरिएंट की गहन पड़ताल के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए। आज से केजीएमयू लखनऊ में 100 सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग का कार्य प्रारंभ हो रहा है। इसके नतीजे, डेल्टा प्लस वैरिएंट की आशंका के दृष्टिगत बचाव के लिए जरूरी प्रयास करने में उपयोगी होंगे।
उन्होने कहा कि कोविड के नित नए वैरिएंट के परीक्षण-अध्ययन के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा को बढ़ाया जाना जरूरी है। केजीएमयू की तर्ज पर वाराणसी और नोएडा के चिकित्सा संस्थानों में इस संबंध में सुविधाएं बढ़ाई जाएं। आवश्यकतानुसार निजी क्षेत्र से भी सहयोग लिया जाना चाहिए।
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श्री योगी ने कहा कि पिछले 24 घंटों के दौरान 21 जिलों में संक्रमण का कोई मामला नहीं आया जबकि 52 जिलों में पाए गए नए केस की संख्या इकाई अंकों में है। संक्रमण दर 0.1 प्रतिशत से भी कम स्तर पर आ चुका है, जबकि रिकवरी दर 98.5 फीसदी है। वर्तमान में कुल एक्टिव केस घटकर 3,197 रह गए हैं। पिछले 24 घंटे में मात्र 173 नए पॉजिटिव केस आये और 348 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हुए। उत्तर प्रदेश में अब तक पांच करोड़ 68 लाख 07 हज़ार 529 कोविड टेस्ट हो चुके हैं।
उन्होने कहा कि कोविड की तीसरी लहर की आशंका देखते हुए सभी जरूरी प्रयास यथाशीघ्र पूरी की जाए। पीकू/नीकू की स्थापना की कार्यवाही तेज हो। सहारनपुर में 50 पीकू बेड की बढ़ोतरी हुई है। अब तक केवल मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आईसीयू बेड की संख्या 5869 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में भी पीकू/नीकू स्थापना की कार्यवाही जारी है। सभी ज़िलों में इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में उपकरणों की कमी न रहे। बाइपैक मशीन, पीडियाट्रिक आईसीयू, मोबाइल एक्सरे मशीन सहित सभी जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। इनके निर्माता कम्पनियों से सीधे संवाद होना चाहिए। डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के पहले चरण का कार्य पूरा हो चुका है। इनके माध्यम से अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित किया जाए। पीडियाट्रिक विशेषज्ञ हो, नर्सिंग स्टाफ हो अथवा तकनीशियनों की जरूरत, जिलावार स्थिति का आकलन करते हुए पर्याप्त मानव संसाधन की व्यवस्था कराएं। पीडियाट्रिक विशेषज्ञों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया भी पूरी की जाए।
उन्होने कहा कि तीन करोड़ कोविड वैक्सीन डोज लगाने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य बनने जा रहा है। प्रदेश में अब तक 02 करोड़ 98 लाख 76 हजार से अधिक वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं।