आस्था और शक्ति का पर्व शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) है। नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की अलग अलग दिन विधिवत पूजा की जाती है। पूजा की परंपरा के अनुसार देवी दुर्गा को उनके स्वरूपों के अनुसार उनको प्रिय पुष्पों को अर्पित किया जाता है।
नवरात्रि (Shardiya Navratri) पूजा विधि के अनुसार और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कलश स्थापना करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही मां दुर्गा के आशीर्वाद से धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती। कलश स्थापना के दौरान इसमें नारियल भी रखा जाता है। इससे घर के सदस्यों को आरोग्य की प्राप्ति होती है।
कब से कब तक शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri)
हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा से नवमी तिथि तक नवरात्रि मनाई जाती है। इस वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा की तिथि 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर 16 अक्टूबर को मध्य रात्रि 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू होगी।
घट स्थापना का मुहूर्त
नवरात्रि में घट स्थापना नवरात्रि के प्रथम दिन प्रतिपदा को की जाती है। इस वर्ष घट स्थापना का मुहूर्त 15 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक है।