नई दिल्ली। वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad ) ने शुक्रवार को कांग्रेस के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। आजाद ने अपना इस्तीफा अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा है। कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने उन्हें जम्मू-कश्मीर कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया था, लेकिन आजाद ने 2 घंटे बाद ही इससे इस्तीफा दे दिया था।
गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad ) लंबे वक्त से कांग्रेस से नाराज थे। वे कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी-23 गुट में भी शामिल थे। जी-23 गुट कांग्रेस में लगातार कई बदलाव की मांग करता रहा है। इससे पहले कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें सपा ने राज्यसभा भी भेजा है।
गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad ) की नाराजगी तब सामने आई थी, जब उन्होंने अभियान समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के कुछ घंटों बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया था।
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सोनिया गांधी चाहती थीं कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर में आजाद के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़े। इसलिए उन्हें चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन गुलाम नबी ने पद मिलने के कुछ घंटों बाद ही इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से उन्हें लेकर राजनीतिक गलियारों में तमाम कयास लगाए जा रहे थे।
कई मुद्दों को लेकर गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस के मतभेद आते रहे हैं। फिर चाहे वो अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर बात रही हो या फिर कुछ मुद्दों पर पार्टी के स्टैंड पर। गुलाम नबी आजाद तो उस जी 23 का भी हिस्सा हैं जो पार्टी में कई बडे़ परिवर्तन की पैरवी करता है।