नई दिल्ली| मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस रिटेल में निवेशकों का तांता लगा हुआ है। पिछले 4 दिनों में ही कंपनी में 5 बड़े निवेश आ चुके हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) में शुक्रवार देर रात जीआईसी ने 1.22% इक्विटी के लिए 5,512.5 करोड़ रुपये और शनिवार को टीजीपी ने 0.41% के लिए 1,837.5 करोड़ रुपये के इंवेस्टमेंट की घोषणा की। सौदे में रिलायंस रिटेल की प्री-मनी इक्विटी को 4.285 लाख करोड़ रुपये आंका गया।
रिलायंस रिटेल में निवेश का सिलसिला 9 सितंबर को सिल्वर लेक से शुरू हुआ था, उसके बाद केकेआर, जनरल अंटलांटिक और मुबाडला जैसे वैश्विक निवेश फंड इंवेस्टमेंट कर चुके हैं। पिछले बुधवार को सिल्वर लेक ने रिलायंस रिटेल में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई थी। जीआईसी और टीजीपी डील को मिला कर अब तक 25 दिनों में 7 निवेशों के जरिए रिलायंस रिटेल में 7.28% इक्विटी के लिए 32.19 हजार करोड़ से अधिक का निवेश हो चुका है।
भारतीय मूल के कारोबारी भाई मोहसिन और जुबेर खरीदेंगे ब्रिटेन में कंपनी
रिलायंस रिटेल लिमिटेड के देश भर मे फैले 12 हजार से ज्यादा स्टोर्स में सालाना करीब 64 करोड़ खरीददार आते हैं। यह भारत का सबसे बड़ा और सबसे तेजी से विकसित होने वाला रिटेल बिजनेस है। रिलायंस रिटेल के पास देश के सबसे लाभदायक रिटेल बिजनेस तमगा भी है। कंपनी खुदरा वैश्विक और घरेलू कंपनियों, छोटे उद्योगों, खुदरा व्यापारियों और किसानों का एक ऐसा तंत्र विकसित करना चाहती है, जिससे उपभोक्ताओं को किफायती मूल्य पर सेवा प्रदान की जा सके और लाखों रोजगार पैदा किए जा सकें।
रिलायंस रिटेल ने अपनी नई वाणिज्य रणनीति के तहत छोटे और असंगठित व्यापारियों का डिजिटलीकरण शुरू किया है। कंपनी का लक्ष्य 2 करोड़ व्यापारियों को इस नेटवर्क से जोड़ना है। यह नेटवर्क व्यापारियों को बेहतर टेक्नॉलोजी के साथ ग्राहकों को बेहतर मूल्य पर सेवाएं देने में सक्षम बनाएगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने सौदों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत के रिटेल सेक्टर का ईको सिस्टम बदलने की जरूरत है।