इटली की दक्षिणपंथी नेता जियॉर्जिया मेलोनी (Giorgia Meloni) को उनकी पार्टी ने देश का प्रधानमंत्री नामित किया है। इसके साथ ही मेलोनी इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचने जा रही हैं। मेलोनी ने देश में नई सरकार का भी गठन कर दिया है। मेलोनी की ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी को 25 सितंबर को हुए चुनावों में 26 फीसदी वोट मिले थे और इसी के साथ वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।
इससे पहले पार्टी की दो दिवसीय बैठक के बाद 45 साल की मेलोनी को अगला प्रधानमंत्री चुना गया।
इटली में 1945 के बाद 2022 तक 77 साल में 70वीं बार सरकार बदली है। मेलोनी के पीएम बनने के साथ ही इटली के फासिस्ट तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी की भी चर्चा तेज हो गई। दरअसल, मेलोनी खुद को मुसोलिनी समर्थक मानती हैं।
ब्रदर ऑफ इटली दक्षिणपंथी पार्टी है। इसका गठन बेनिटो मुसोलिनी के समर्थकों द्वारा किया गया। जियॉर्जिया मेलोनी की पार्टी ब्रदर ऑफ इटली को अपने उदय के करीब एक दशक बाद यानी 2018 के चुनाव में सिर्फ 4% वोट मिले थे। तब मारियो द्रागी पीएम बने थे। मेलोनी इटली की जनता में तब चर्चित हुईं, जब उनकी पार्टी ने द्रागी के नेतृत्व वाले नेशनल यूनिटी गठबंधन में शामिल न होने का फैसला करते हुए मुख्य विपक्षी दल बनी थी।
कौन हैं मेलोनी (Giorgia Meloni)
जियॉर्जिया मेलोनी (Giorgia Meloni) का जन्म रोम में हुआ। जब वे एक साल की थीं, तब उनके पिता फ्रांसेस्को ने मां को छोड़ दिया और कैनरी आइसलैंड आकर रहने लगे। फ्रांसेस्को वामपंथी थे, जबकि मेलोनी दक्षिणपंथी थीं। बताया जाता है कि वे अपनी मां से प्रेरित होकर ही दक्षिणपंथी विचारधारा की हैं। जॉर्जिया मेलोनी 15 साल की उम्र में इतालवी सामाजिक आंदोलन (MSI) की युवा शाखा यूथ फ्रंट में शामिल हुईं। इसके बाद वे आंदोलन की स्टूडेंट विंग की अध्यक्ष भी बनीं।
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2008 में जॉर्जिया 31 साल की उम्र में मंत्री बनीं। वे इटली की सबसे युवा मंत्री थीं। सिल्वियो बर्लुस्कोनी द्वारा उन्हें यूथ एंड स्पोर्ट मंत्रालय दिया गया। 2012 में जॉर्जिया ने अपनी पार्टी ब्रदर ऑफ इटली का गठन किया। वे खुद को रोमन, राजनेता और पत्रकार बताती हैं। हालांकि, वे कहती हैं कि वे इससे पहले एक ‘इतालवी’ हैं। मेलोनी ने 2006 में एक बेटी को भी जन्म दिया था। मेलोनी ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था, ”मुसोलिनी एक अच्छे राजनेता थे। उन्होंने जो कुछ भी किया, वह इटली के लिए किया।”