जालौन। जालौन के कोंच में एक पागल कुत्ते के काटने (Dog Bite) से ढाई साल की बच्ची में भी कुत्ते जैसे लक्षण आ गए। बच्ची की इलाज के दौरान झांसी में मौत हो गई, लेकिन मरने से पहले उसने गांव के लगभग 50 लोगों को काटा है। जो अब सीएचसी कोंच में एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगवा रहे हैं।
इस घटना को लेकर गांव में दहशत है। मामला तहसील क्षेत्र के क्योलारी गांव का है। तहसील कोंच के ब्लॉक नदीगांव अंतर्गत ग्राम क्योलारी के रहने वाले गोलू कुशवाहा की ढाई साल की बेटी काव्या चार दिन पहले अपने मामा के घर गांव हिड़ोखरा गई थी।
वहां उसे एक पागल कुत्ते ने तब काट (Dog Bite) लिया, जब वह घर के बाहर खेल रही थी। फिर वह अपने घर क्योलारी आ गई, लेकिन एक दिन बाद ही उस बच्ची में कुत्ते जैसे लक्षण उभरने लगे और उसने गांव के आकाश, फूलसिंह, विनीता, पप्पू, भूरी, सुनील समेत लगभग 50 लोगों को काट लिया।
वन विभाग की गलती से लगी थी इतिहास की सबसे भयंकर आग, 60 वर्गमील का जंगल हो गया था खाक
बच्ची के परिजन इलाज के लिए उसे उरई ले गए। जहां से उसे गंभीर हालत में झांसी के लिए रेफर कर दिया गया। 22 जुलाई को परिजन झांसी ले गए, पर मेडिकल कॉलेज पहुंचते ही बच्ची की मौत हो गई। इधर, बच्ची के मरने की खबर गांव पहुंचते ही ग्रामीणों में दहशत फैल गई।
अब जिन लोगों को बच्ची ने काटा है, वे सीएचसी कोंच में एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं। बताया गया है कि पागल कुत्ते की भी मौत हो चुकी है। हिड़ोखरा गांव में भी तमाम लोग बच्ची के काटने के शिकार हैं।
एसीएमओ डॉ. एसडी चौधरी का कहना है कि रैबीज कुत्ता, बंदर, सियार जैसे जानवरों के काटने से ही फैलता है। किसी मनुष्य के काटने से रैबीज नहीं फैलता है। लोग अपनी सहूलियत के लिए इंजेक्शन लगवा रहे हैं।