चंडीगढ़: किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और 2022 तक उनकी आय दोगुनी करने के लिए बड़ा दांव चला है। बताया गया है कि अब सरकार 3 लाख रुपए तक का ब्याज मुक्त ऋण देने की योजना बना रही है, ताकि किसान ब्याज के बोझ तले न दबें।
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किसी राज्य में संभवत: यह ऐसी पहली स्कीम है। प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि बैंकों द्वारा आमतौर पर फसल ऋण पर ब्याज दर 7 प्रतिशत लिए जाने के बावजूद अन्नदाता को सरकार इसे जीरो प्रतिशत पर उपलब्ध करवाएगी। किसान फसली ऋण आढ़ती की बजाए बैंकों से सीधा लें, इसके लिए एक आपदा फण्ड की योजना तैयार करने पर विचार चल रहा है।
दलाल ने कहा कि 7 प्रतिशत ब्याज दर के फसली ऋण में 3 प्रतिशत केंद्र सरकार तथा 4 प्रतिशत मनोहर लाल सरकार वहन करेगी। इस तरह किसान को जीरो प्रतिशत पर ही फसल ऋण दिया जाएगा।
देश के किसी भी राज्य में कृषि कर्ज 4 फीसदी से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी जमीन की उपयोगिता व आय के अनुसार वित्त प्रबंधन किस प्रकार से किया जाए, इसके लिए हरियाणा सरकार ने 17,000 किसान मित्र लगाने का निर्णय लिया है, जो किसानों को वॉलंटियर्स के रूप में परामर्श देंगे।
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इसी प्रकार केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में घोषित आत्मनिर्भर भारत के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में एक लाख करोड़ रुपये कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए रखा गया है, जिसमें 3900 करोड़ रुपये हरियाणा के लिए निर्धारित किए गए हैं।
इस पैसे से वेयरहाउस, एग्रो बेस्ड इंडस्ट्री व अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में मदद मिलेगी। इसके लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं।
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कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि पिछले 6 वर्षों के दौरान केंद्र सरकार व राज्य सरकार ने जितनी भी नई पहल की हैं, वे सब किसान हित में हैं। पिछले दो वर्षों से फसलों की बुआई शुरू होने से पहले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर दी जाती है। इससे किसान अपनी इच्छा के अनुसार फसल बोने का मन बना सकता है।