कोरोना काल के दौर में स्कूलों की तरफ से सौगात मानी जाएं या फिर सीट भरने की मजबूरी पर फिलहाल उत्तर प्रदेश में पैरेंट्स को बड़ी राहत मिलती नज़र आ रही है। निजी स्कूल एसोसिएशन ने दाखिला फीस में राहत देने का निर्णय लिया है। इसके तहत स्कूल बच्चों की एडमिशन फीस नहीं लेंगे।
अभी तक स्कूलो में दाखिले के समय और एक क्लास से अगली क्लास में जाने के दौरान अभिभावकों को एडमिशन फीस देनी पड़ती रही है। स्कूल इसे अनिवार्य मानते थे पर बीते वर्ष से कोरोना संक्रमण से उपजे हालात से स्कूलो में ताले पड़ गए। इसके चलते बच्चों का स्कूल जाना बंद हो गया। खासकर छोटे बच्चों के दाखिले भी ठंडे बस्ते में चले गए।इस बीच कोरोना संक्रमण के कारण अभिभावकों ने अपने बच्चों के दाखिल नहीं कराए। हालात कुछ ऐसे पैदा हुए की स्कूलों में स्टूडेंट्स दिखने ही बंद हो गए। धीरे-धीरे एक साल बीत गया। अब जब नए सत्र 2021-2022 को लेकर स्कूलों ने प्लानिंग की तो हालत और भी विपरीत नज़र आए। दाखिले कि स्थिति न के बराबर होने के कारण, स्कूलों को अभिभावकों को बड़ी राहत देने का निर्णय लेना पड़ा। इसकी तहत स्कूलों में इस नए सत्र में नए बच्चो से एडमिशन फीस और पुराने बच्चों के रीएडमिशन फीस को पूरी तरह न लेने का निर्णय लिया है।
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अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल के मुताबिक यह वर्ष सभी के लिए संकट भरा रहा। कई लोगो की नौकरी चली गई तो तमाम लोगों के वेतन आधे हो गए। स्कूल भी समाज की इन बड़ी समस्याओ को अच्छी तरह समझ रहे इसलिए निजी स्कूल एसोसिएशन की तरफ से यह निर्णय लिया गया है कि इस बार एडमिशन फीस नहीं ली जाएगी। यह सभी के लिए लागू होगा।
वही मंगलवार को यूपी बोर्ड की तरफ से शैक्षिक कैलेंडर जारी कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश में 20 मई से ऑनलाइन शिक्षण कार्य की शुरुआत की गई है। ऐसे में इसे शैक्षिक सत्र 2021-22 की शुरुआत मानते हुए बोर्ड ने अपना एकेडमिक कैलेंडर तैयार किया है। यूपी बोर्ड की 9वीं और 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को हर महीने परीक्षा देनी होगी। बोर्ड की तरफ से छात्र-छात्राओं के लिए मासिक टेस्ट की व्यवस्था लागू की गई है।