कोविड-19 महामारी को देखते हुए मोदी सरकार ने टैक्स से जुड़ी विभिन्न डेडलाइनों को 30 अप्रैल से 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया है। हाल ही में एक बयान में वित्त मंत्रालय ने कहा है कि गंभीर कोविड-19 महामारी के मद्देनजर और करदाताओं, टैक्स एडवाइजर्स और अन्य हितधारकों से मिले अनुरोधों को देखते हुए कई डेडलाइनों को 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है, जिनके लिए पहले अंतिम तिथि 30 अप्रैल थी। इनमें विवाद से विश्वास योजना भी शामिल है।
सियाचिन में हिमस्खलन की चपेट में आने से दो जवान शहीद
किस-किस चीज के लिए मिला ज्यादा समय
आयकर अधिनियम, 1961 के तहत मूल्यांकन (एसेसमेंट) या पुनर्मूल्यांकन (रीएसेसमेंट) के लिए किसी भी आदेश को पारित करने की समय सीमा को 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया या है
सरकारी अस्पताल से चोरी हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन, CCTV खंगाल रही है पुलिस
इसके लिए टाइम लिमिट धारा 153 या धारा 153 बी के तहत प्रोवाइड की जाती है। इसी तरह अधिनियम की धारा 144 सी की उप-धारा (13) के तहत डीआरपी के निर्देश के परिणामस्वरूप कोई आदेश पारित करने की समय सीमा और फिर से मूल्यांकन के लिए अधिनियम की धारा 148 के तहत नोटिस जारी करने की समय सीमा (जिस मामले में इनकम का मूल्यांकन नहीं हुआ है) को बढ़ाया गया है।
साथ ही यह भी तय किया गया है कि डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020 के तहत देय राशि के भुगतान का समय बिना अतिरिक्त राशि के 30 जून 2021 तक बढ़ा दिया जाएगा। यानी अगर कोई इस योजना के तहत कोई अघोषित इनकम पर टैक्स का भुगतान करता है तो उससे कोई ब्याज या जुर्माना नहीं लिया जाएगा।