सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए निर्देश दिया है कि जिनकी मौत कोरोना के कारण हुई है, सरकार उनके परिवारों को मुआवजा दे। हालांकि, ये मुआवजा कितना होना चाहिए ये खुद सरकार को तय करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी माना कि कोविड से हुई मौतों पर चार लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया जा सकता है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही NDMA से कहा है कि एक ऐसा सिस्टम बनाया जाए जिससे कम से कम मुआवजा दिया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह कोविड से जुड़े डेथ सर्टिफिकेट को जारी करे, जो सर्टिफिकेट पहले ही जारी हो गए हैं, उनमें सुधार किया जाए। फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने NDMA के अधिकारियों को फटकार भी लगाई।
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बता दें कि इस मामले में कई याचिकाकर्ताओं द्वारा अपील की गई थी कि कोरोना से जिनकी मौत हुई है, उनके परिजनों को आपदा एक्ट के तहत चार लाख रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए। याचिकाकर्ता द्वारा इसके अलावा याचिका में कोविड डेथ सर्टिफिकेट को लेकर भी सवाल किए गए थे। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, राज्य सरकारों से जवाब तलब किया था।
हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दिया गया था उसमें सरकार ने ऐसा करने में असमर्थता जताई थी। केंद्र सरकार द्वारा कहा गया था कि ऐसा करना संभव नहीं है, इसकी बजाय सरकार का फोकस हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर है।
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केंद्र की ओर से ये भी जानकारी दी गई थी कि चार लाख रुपये का मुआवजा किसी आपदा में मरने वाले व्यक्ति के परिजनों को दिया जा रहा है, लेकिन किसी महामारी के वक्त में ऐसा नहीं किया जा सकता है।
गौरतलब है कि भारत में कोरोना वायरस का कहर पिछले करीब डेढ़ साल से जारी है। देश में अबतक इस महामारी के कारण करीब चार लाख लोगों की जान चली गई है। हाल ही के वक्त में कोरोना की दूसरी लहर का असर कुछ हदतक कम होने लगा है, लेकिन एक्सपर्ट्स अभी भी तीसरी लहर की चिंता व्यक्त कर रहे हैं।