नई दिल्ली| सरकार जल्द ही बहुप्रतीक्षित नई राष्ट्रीय कपड़ा नीति की घोषणा करेगी, जिसमें भारत के लिए भविष्योन्मुख रणनीति और कार्ययोजना तैयार की जाएगी। एक शीर्ष अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
कपड़ा सचिव रवि कपूर ने भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ (सीआईटीआई) की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कपड़ा उद्योग की पूर्ण क्षमता को प्राप्त करने और इस क्षेत्र में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने के लिए यह किया जा रहा है।
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उन्होंने कहा, उम्मीद है कि अगले महीने या उसके बाद हम नई कपड़ा नीति की घोषणा कर पाएंगे। यह एक भविष्योन्मुख नीति है। सचिव ने कहा कि सरकार कपड़ा नीति को वास्तविक रूप देने के अंतिम चरण में है, जो कोरोना वायरस महामारी के कारण विलंबित हो गई है। उन्होंने कहा कि कपड़ा मंत्रालय और उद्योग जगत के बीच अंतिम दौर के परामर्श के बाद इसे जारी किया जाएगा।
उन्होंने कहा, सरकार द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि 2030 तक एमएमएफ आधारित कपड़ा और परिधान उत्पादों का हिस्सा 80 प्रतिशत तक पहुंच जायेगा। उन्होंने कहा कि कपास की कीमत 20 प्रतिशत तक कम हो जायेगी क्योंकि वैश्विक मांग एमएमएफ आधारित उत्पादों की अधिक है।