लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने राज्य सरकार (State government) के पिछले पांच वर्षों को सुशासन का काल कहा है। सोमवार को विधानमंडल के संयुक्त सत्र में अपने अभिभाषण में उन्होंने कहा कि विगत 05 वर्षों में प्रदेश में विकास की नींव डालने का कार्य किया गया है। अब अगले 05 वर्षाें में इसी नींव पर विकास की भव्य इमारत आकार लेगी।
इसके लिए उत्तर प्रदेश (UP) में निवेश को बढ़ाने, आधारभूत अवसंरचना को सुदृढ़ करने तथा प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने का कार्य किया जाएगा। हालिया विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जनादेश के लिए बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि आगामी 05 साल में अब सुशासन को और सुदृढ़ करने के लिए मेरी सरकार की स्वयं से प्रतिस्पर्धा प्रारम्भ होगी।
राज्यपाल (Governor) के अभिभाषण के दौरान विपक्षी दल के कुछ सदस्यों ने व्यवधान पैदा करने की भी कोशिश की, लेकिन राज्यपाल ने अपना पूरा अभिभाषण बिना रुके पढा। प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था को सराहना करते हुए उन्होंने हाल के दिनों में विभिन्न पर्व-त्योहारों के शांतिपूर्ण सम्पन्न होने पर खुशी भी जताई।
तय होगी टाइमलाइन, परफॉर्मेंस बेस्ड काम पर फोकस: करीब एक घंटे के अभिभाषण में उन्होंने आवास से लेकर सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं, औद्योगिक निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला उत्थान सहित सभी क्षेत्रों में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया। सदन के माध्यम से उन्होंने संदेश दिया कि परियोजनाओं के क्रियान्वयन की टाइमलाइन तय करते हुए काम होगा और परफॉर्मेन्स बेस्ड कार्याें पर फोकस किया जाएगा।
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राज्यपाल (Governor) ने कहा कि पूर्व की भांति मेरी सरकार प्रदेशवासियों को पारदर्शी एवं जवाबदेह शासन व ईमानदार तथा संवेदनशील प्रशासन उपलब्ध कराने के लिए तत्पर रहेगी। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों के अलग-अलग समूह गठित किए गए हैं। मंत्री समूहों द्वारा अलग-अलग जनपदों का भ्रमण कर ‘सरकार आपके द्वार’ के अनुरूप जनता से सीधा संवाद स्थापित किया जा रहा है। इसके साथ ही, समाज के कमजोर वर्गों के सम्मानित नागरिकों का खास ध्यान रखते हुए उनकी समस्याओं के समाधान के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
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उन्होंने (governor) विश्वास जताया कि लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 के माध्यम से प्रदेश की जनता से जो भी वादे किए गए हैं, सरकार इन वादों को पूरा करने के लिए कृतसंकल्पित है तथा इसके लिए सरकार द्वारा सेक्टरवार 100 दिन, 06 माह, 01 साल, 02 साल एवं 05 साल की वृहद कार्ययोजनाएं बनाई गई हैं। इन कार्ययोजनाओं पर काम शुरू भी हो चुका है। प्रधानमंत्री के मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ को दोहराते हुए उन्होंने विश्वास जताया कि सभी सदस्यगण प्रदेश की आम जनता के व्यापक हित में सरकार का सहयोग कर जन आकांक्षाओं को पूरा करने में अपना बहुमूल्य योगदान करेंगे तथा इस सदन की उच्च गरिमा व पवित्रता को बनाये रखेंगे।
अभिभाषण के प्रमुख बिंदु
- विगत 05 वर्षों में प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 43.5 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं, स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत 2.61 करोड़ व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराया गया।
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से 1.67 करोड़ निःशुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किए गए। सौभाग्य योजना के माध्यम से 1.41 करोड़ निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिए गए।
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत 2.55 करोड़ किसानों को 42 हजार 565 करोड़ रुपये हस्तान्तरित किए गए तथा 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ रुपये का फसली ऋण माफ किया गया।
- सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आकलन के अनुसार जून 2016 में प्रदेश की बेरोजगारी दर 18 प्रतिशत थी, जो अप्रैल 2022 में घटकर 2.9 प्रतिशत रह गई है।
- वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2021 में डकैती के मामलों में 73.94 प्रतिशत, लूट की घटनाओं में 65.88 प्रतिशत, हत्या के मामलों में 33.95 प्रतिशत तथा बलात्कार के अपराध में 50.66 प्रतिशत की कमी आयी।
- अवैध कृत्य से अर्जित की गयी सम्पत्तियों के जब्तीकरण ध्वस्तीकरण एवं अवैध कब्जे से 02 हजार 81 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की सम्पत्तियां अवमुक्त कराई गईं।
- उत्तर प्रदेश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर ही नहीं, अपितु सरप्लस राज्य के रूप में देश में अपना स्थान बनाए हुए है। प्रदेश में वर्ष 2020-21 में 619.47 लाख मी. टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है।
- कृषकों को उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नैम) के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश की 125 मंडियों में वित्तीय वर्ष 2021-22 में लगभग 432 करोड़ रुपये का डिजिटल व्यापार किया गया है।
- मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अन्तर्गत कृषकों की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता की दशा में अधिकतम 05 लाख रुपये दिए जाने का प्राविधान है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस योजना के अन्तर्गत 600 करोड़ रुपये की धनराशि से 12 हजार लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाएगा।
- चीनी उद्योग उत्तर प्रदेश का कृषि आधारित महत्वपूर्ण उद्योग है जो प्रदेश के लगभग 45.44 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों के परिवार की आजीविका का मुख्य आधार है।
- पेराई सत्र 2016-17 में प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल 20.54 लाख हेक्टेयर था, जो पेराई सत्र 2021-22 में बढ़कर 27.60 लाख हेक्टेयर हो गया। इस वृद्धि से परिलक्षित होता है कि प्रदेश के किसानों का रुझान गन्ने की खेती की ओर लगातार बढ़ रहा है।
- 45.44 लाख गन्ना किसानों को पेराई सत्र 2017-18 से पेराई सत्र 2021-22 तक के सापेक्ष, दिनांक 16 मई, 2022 तक, 01 लाख 72 हजार 745 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य का रिकॉर्ड भुगतान किया गया है।
- वर्ष 2016-17 में प्रदेश में एथेनॉल का उत्पादन 43.25 करोड़ लीटर था, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 107.21 करोड़ लीटर हो गया है, अब उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा एथेनॉल आपूर्तिकर्ता राज्य बन गया है।
- वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 की अवधि में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की कुल 219.12 लाख मीट्रिक टन खरीद की गयी। इसके माध्यम से 46 लाख 47 हजार किसानों को लाभान्वित करते हुए 40 हजार 159 करोड़ रुपये का भुगतान कराया गया।
- 280.09 लाख मीट्रिक टन धान की कुल खरीद करते हुए 42 लाख 90 हजार 474 किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ दिलाया गया। इसके तहत किसानों को 50 हजार 420 करोड़ रुपये का भुगतान कराया गया।
- निराश्रित/बेसहारा गोवंश के संरक्षण के लिए प्रदेश में कुल 6,195 गो-आश्रय स्थल स्थापित हैं, जिनमें 09 लाख 67 हजार 923 गोवंश संरक्षित किए गए हैं। ‘मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ के अन्तर्गत 01 लाख 31 हजार से अधिक गोवंश इच्छुक पशुपालकों की सुपुर्दगी में दिए गए हैं।
- पोषण मिशन के तहत कुपोषित परिवारों को 2,050 गोवंश उपलब्ध कराए गए हैं। बुन्देलखंड क्षेत्र में निराश्रित गोवंश को संरक्षित करने के उद्देश्य से इस क्षेत्र के प्रत्येक जनपद में 05-05 गो-आश्रय केन्द्र स्थापित किए गए हैं।
- सरकार द्वारा लगभग 98.88 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
- विगत पांच वर्षों में दशकों से लम्बित चल रहीं बाणसागर, अर्जुन सहायक, सरयू नहर सहित कुल 20 सिंचाई परियोजनाएं पूर्ण की गयी हैं जिनसे 21.42 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन किया गया। इससे प्रदेश के 44.72 लाख कृषक लाभान्वित हुए।
- प्रदेश में 34,307 राजकीय नलकूपों तथा 252 लघु डाल नहरों द्वारा कृषकों को मुफ्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
- आज उत्तर प्रदेश की पहचान एक्सप्रेस प्रदेश के रूप में सशक्त हो रही है।
- बुन्देलखंड एक्सप्रेस-वे परियोजना का निर्माण कार्य निर्धारित लक्ष्य के अनुसार गतिमान है तथा इस वर्ष जून के अंतिम सप्ताह में कार्य पूर्ण हो जाएगा।
- 594 किमी लम्बी 06 लेन गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। राज्य के सभी एक्सप्रेस-वे के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने का निर्णय लिया गया है।
- उत्तर प्रदेश शीघ्र ही पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डों वाला देश का एक मात्र राज्य बन जाएगा।
- प्रदेश से निर्यात में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। पिछले 05 वर्षों में निर्यात 88 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
- सूचना प्रौद्योगिकी को अपनाकर सुशासन के लक्ष्यों को हासिल कर रही है।
- आगामी 05 वर्षों में कुल 02 करोड़ स्मार्ट फोन/टैबलेट वितरित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- पिछले 05 वर्षों में 705 नए 33/11 केवी उपकेन्द्र स्थापित किए गए हैं तथा 1413 उपकेन्द्रों की क्षमता बढ़ाई गई है।
- प्रदेश में स्थापित सौर ऊर्जा आधारित कुल 1819 मेगावॉट क्षमता की परियोजनाओं से विद्युत उत्पादन किया जा रहा है।
- जैव अपशिष्टों से जैव ऊर्जा के उत्पादन को प्रोत्साहित किए जाने के उद्देश्य से नीति जारी की गई है, जिसके अन्तर्गत जैव ऊर्जा की 14 परियोजनाओं में कुल 2,492 करोड़ रुपये के निवेश की स्वीकृति प्रदान की गई है।
- ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के अन्तर्गत अब तक 01 लाख 74 हजार 326 जोड़ों तथा श्रमिकों की कन्याओं के विवाह के लिए संचालित ‘कन्या विवाह अनुदान योजना’ के तहत लगभग 94 हजार कन्याओं का विवाह सम्पन्न कराया गया है।
- किन्नर समुदाय को समाज की मुख्य धारा में शामिल करने हेतु उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है।
- पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों तथा अनाथ बच्चों हेतु प्रदेश के समस्त 18 मण्डलों में 01-01 अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें कक्षा-06 से 12 तक निःशुल्क गुणवत्तापरक एवं आवासीय शिक्षा प्रदान की जाएगी।
- एण्टी भू-माफिया अभियान के अन्तर्गत कुल 64 हजार 398 हेक्टेयर क्षेत्रफल अवैध अतिक्रमण से अवमुक्त कराया गया है। 2,471 अतिक्रमणकर्ताओं को भू-माफिया के रूप में चिह्नित किया गया है। वर्तमान में 186 भू-माफिया जेल में निरुद्ध हैं। 4274 अतिक्रमणकर्ताओं के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत कार्यवाही की गई है।