लखनऊ के मड़ियांव इलाके में मंगलवार सुबह डबल मर्डर से सनसनी फैल गई। यहां एक वृद्ध और उसकी प्रेमिका की गला घोंटकर हत्या कर दी गई। वृद्ध लंबे वक्त से परिवार से अलग प्रेमिका संग लिव-इन-रिलेशन में रह रहा था। मामले में वृद्ध के तीन बेटे और दो पौत्रों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मामला मड़ियांव थानाक्षेत्र के केशवनगर का है। यहां के निवासी राम दयाल (70) की पहली पत्नी की मौत हो चुकी थी। राम दयाल के परिवार में पहली पत्नी से तीन बेटे और दो पौत्र हैं। इंस्पेक्टर मड़ियांव विपिन कुमार सिंह के मुताबिक, पहली पत्नी की मौत के बाद से राम दयाल का शांति देवी (60) के बीच प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। इसी बीच दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे। राम दयाल के पास इटौंजा में सड़क किनारे दो बीघा जमीन थी। राम दयाल, शांति देवी के कहने पर वह जमीन थोड़ी-थोड़ी करके बेच रहा था। इस बात को लेकर बेटों और पौत्र से उसका विवाद चल रहा था। बेटे जमीन बेचने का विरोध कर रहे थे। राम दयाल अपने तीन बेटों और दो पौत्र से अलग रहने लगा।
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घटना की जानकारी पर पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने मौके का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि राम दयाल ने छह बिसवा जमीन का सौदा 57 लाख रुपये में किया था। उसका 11 लाख राम दयाल के खाते में और शांति के बेटे मोनू के खाते में चार लाख रुपया आया था। इसकी जानकारी राम दयाल के तीन बेटे और दो पौत्र को हुई। इस पर तीनों बेटे और पौत्र राम दयाल के घर पहुंचे। उन्होंने विरोध किया। इस पर झगड़ा शुरू हो गया। झगड़े के दौरान तीनों बेटों और दो पौत्र ने मिलकर शॉल से गला घोंटकर राम दयाल और शांति देवी की हत्या कर दी थी।
इंस्पेक्टर ने बताया कि विवाद के दौरान जब राम दयाल के बेटों ने रुपयों की मांग की और बची हुई जमीन को न बेचने के लिए कहा। इस पर शांति देवी ने कहा कि वह उन्हें फूटी कौड़ी नहीं देगीं और न ही एक इंच जमीन देगी। इस पर सभी आग बबूला हो गए और उन्होंने दोनों को मार डाला।
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पुलिस कमिश्नर ने बताया कि ये घटना रात तकरीबन दस बजे की है लेकिन पुलिस को घटना सूचना रात एक बजे मिली। सूचना पर पुलिस अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। प्रारंभिक जांच में खुलासा हो गया कि इस दोहरे हत्याकाण्ड को अंजाम राम दयाल के बेटों और पौत्र ने की है। पुलिस टीमों ने रात में ही छापेमारी कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा कर दिया।
लखनऊ के पुलिस कमिश्नर के रूप में डीके ठाकुर का एक माह का कार्यकाल पूरा हो चुका है। 18 नवंबर 2020 को उन्होंने पूर्व पुलिस कमिश्नर लखनऊ सुजीत पांडेय से कार्यभार संभाला था। लेकिन उसके बावजूद क्राइम के ग्राफ में कोई कमी नहीं नजर आ रही है।