गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को ‘भारत बंद’ का समर्थन करने के लिए कांग्रेस पर हमला किया और इसके नेता राहुल गांधी से पूछा कि क्या उन्हें धनिया और मेथी के बीच का फर्क पता है। कांग्रेस ने कृषि संगठनों के राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन का नेतृत्व किया है।
मेहसाणा में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रूपाणी ने कहा कि गांधी और उनकी पार्टी जिन सुधारों की कभी वकालत करती थी आज उन्हीं का विरोध करने की राजनीति में संलिप्त हैं। विजय रूपाणी ने कहा, ‘मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि क्या उन्हें धनिया और मेथी में फर्क पता है।’ वह मेहसाणा में 287 करोड़ रुपये की लागत वाली नर्मदा नहर आधारित पेयजल आपूर्ति परियोजना की आधारशिला रखने पहुंचे थे।
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मुख्यमंत्री ने पूछा, ‘2019 के चुनावी घोषणापत्र में कांग्रेस ने कहा था कि अगर वह सत्ता में आती है तो एपीएमसी कानून में बदलाव करेगी और किसानों को इन बाजारों के बाहर अपने उत्पाद बेचने की स्वतंत्रता देगी. अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये सुधार किए हैं तो कांग्रेस इनका विरोध क्यों कर रही है.’ रूपाणी ने कहा, ‘राहुल गांधी ने एक बार कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों की बैठक की थी और उनसे कहा था कि एपीएमसी से सब्जियों एवं फलों को हटाएं ताकि कीमतें नीचे आ सकें। अब जब हम किसानों को सशक्त बनाने के लिए ऐसा कर रहे हैं तो कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। लोग जवाब चाहते हैं कि पार्टी इस तरह का रूख क्यों अपना रही है।’
कांग्रेस ने किसान संगठनों की ओर से आहूत ‘भारत बंद’ को सफल करार देते हुए मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून तत्काल वापस ले और कृषि संबंधी सुधारों पर चर्चा के लिए संसद का सत्र बुलाए। पार्टी ने यह भी कहा कि वह कृषि सुधारों के खिलाफ नहीं है, लेकिन इन तीनों कानूनों में सुधार एवं किसानों का हित नहीं दिखाई देता। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने लोगों से ‘भारत बंद’ का समर्थन करने की अपील की था।
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पार्टी के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने संवाददाताओं से कहा, ‘समाज के सभी तबकों और संगठनों का समर्थन मिला है जिससे साबित होता है कि यह ‘भारत बंद’ सफल रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर किसान आज इस स्थिति में दिल्ली के निकट बैठे हैं तो इसकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की है। कोई सरकार किसानों को दिल्ली आने से कैसे रोक सकती है और कैसे ठंड में पानी की बौछार कर सकती है? हरियाणा सरकार के कई मंत्रियों ने भी किसानों का अपमान किया।’