श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पक्षकार के वादी हरिहर पांडेय को फोन पर जान से मारने की धमकी मिली है। इसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शिकायत के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
ज्ञानवापी परिसर और श्री काशी विश्वनाथ मामले को लेकर चल रही सुनवाई के बीच 1 दिन पहले ही कोर्ट ने पुरातात्विक सर्वेक्षण को लेकर फैसला सुनाया था।
मंदिर के पक्षकार हरिहर पांडेय ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत वाराणसी पुलिस कमिश्नर से की है। उन्हें दो सिक्योरिटी गार्ड मिले हैं, जो उनके घर के बाहर तैनात किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिस दिन मामले की सुनवाई थी। उस दिन करीब 3:30 बजे वह घर पहुंचे थे और उनके फोन पर किसी अनजान नंबर से एक कॉल आई और फोन करने वाले ने अपना नाम यासीन बताया। उसका कहना था पांडेय जी मुकदमा तो जीत गए हैं लेकिन एएसआई वाले मंदिर में घुस नहीं पाएंगे आप और आपके सहयोगी मारे जाएंगे।
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इस कॉल के आने के बाद उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की है और पुलिस की तरफ से दो कांस्टेबल की तैनाती उनके घर पर की गई है। इस मामले में दशाश्वमेध के सर्किल ऑफिसर अवधेश पांडेय का कहना है कि मामले की शिकायत मिलने के बाद जांच की जा रही है। जिस नंबर से फोन आया था उसका भी पता लगाया जा रहा है।
बता दें कि 1991 से ज्ञानवापी केस की सुनवाई सिविल कोर्ट वाराणसी में चल रही है। प्राचीन मूर्ति स्वयंभू लॉर्ड विश्वेश्वर की तरफ से सोमनाथ व्यास, राम रंग शर्मा और हरिहर पांडे इस मामले में बतौर वादी शामिल हैं।
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कोर्ट में मुकदमा दाखिल होने के बाद दो वादियों जिनमें सोमनाथ व्यास और राम रंग शर्मा की मौत हो गई है। हरिहर पांडे इस मुकदमे के इकलौते पक्षकार बचे हैं, जिन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है।