भोपाल/हरदा। मध्यप्रदेश के हरदा जिला मुख्यालय पर पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट (Harda Blast) के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आज स्थितियों का जायजा लेने हरदा जाएंगे।
इसी बीच मामले में पुलिस ने फेक्ट्री संचालक दो भाइयों काे गिरफ्तार कर लिया है। घटनास्थल से मलबा हटाने का काम लगातार जारी है। हालांकि अब भी कुछ स्थानों से धुआं उठता नजर आ रहा है। प्रशासन का पूरा ध्यान इस समय आग पर पूरी तरह काबू पाने और घायलों को उचित उपचार दिलाने की ओर है।
मुख्यमंत्री डॉ यादव आज दोपहर लगभग तीन बजे हरदा पहुंचकर वहां पीड़ितों एवं उनके परिवारजन से मुलाक़ात करेंगे। इसके पहले उन्होंने कल इस मामले को लेकर आपातकालीन बैठक कर तीन सदस्यीय जांच समिति गठित करने के निर्देश दिए थे।
वहीं अधिकारिक जानकारी के अनुसार इस घटनाक्रम में सिविल लाइन थाना हरदा में प्रकरण कायम कर 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी फैक्ट्री संचालक दो भाई राजेश अग्रवाल एवं सोमेश अग्रवाल हैं।
पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद लगी भीषण आग, फायर ब्रिगेड ने संभाला मोर्चा
घटना के लगभग 24 घंटे बाद भी घटनास्थल के आसपास एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की हलचल लगातार जारी है। हालांकि प्रशासन मृतकों की संख्या के बारे में अभी कुछ नहीं बोल रहा। अब तक 12 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है। घटनास्थल पर पुलिस बल लगातार उपस्थित है। प्रशासन ने घटनास्थल तक अनाधिकृत व्यक्तियों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है। जेसीबी मशीनों से मलबे को हटाने का कार्य लगातार जारी है।
हरदा के बैरागढ़ क्षेत्र में कथित तौर पर अवैध रूप से संचालित पटाखा फैैक्ट्री में कल सुबह लगभग साढ़े ग्यारह बजे विस्फोट के बाद भीषण आग लग गयी। बताया गया कि जिस भवन में पटाखा बनाने का कार्य किया जाता था और जहां विस्फोटक सामग्री रखी हुयी थी, वह लगभग चार पांच मंजिला थी। इसी के आसपास पटाखा से संबंधित दो तीन गोदाम के अलावा कुछ दूरी पर रिहायशी क्षेत्र स्थित है। आग लगने या विस्फोट होने का कारण कल देर शाम तक पता नहीं चल सका, लेकिन अचानक तेज आवाज के साथ लगातार हुए विस्फोटों की आवाज से नगरवासी सहम गए और उन्हें तत्काल पता ही नहीं चल सका कि क्या हुआ है। भीषण और सिलसिलेवार विस्फोटों के कारण आसपास के कई किलोमीटर क्षेत्र में कंपन महसूस हुए। आसमान में धुएं के गुबार छा गए। घटनास्थल के आसपास के क्षेत्रों में भगदड़ की स्थिति बन गयी।
विस्फोट की जानकारी मिलने पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी तथा दमकल वाहन साथ पहुंचे। आग ने आसपास के मकानों को भी चपेट में ले लिया। फैक्ट्री वाला भवन पूरी तरह नष्ट हो गया। इस भवन में कितने लोग मौजूद थे, यह आधिकारिक तौर पर स्पष्ट नहीं हो सका, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया जा रहा है कि इसमें एक सौ से अधिक श्रमिक और उनके परिजन मौजूद रहे होंगे। भवन के अंदर मौजूद रहे कितने लोग बाहर निकल पाए या नहीं, इसके बारे में शाम तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी। आग बुझाने के लिए हरदा के आसपास के जिलों से भी दमकल वाहन बुलाए गए। एंबुलेंस भी आसपास के जिलों से यहां पहुंची और घायलों को भोपाल और इंदौर के अस्पतालों में भेजने की व्यवस्था की गयी। घायलों को प्रारंभिक उपचार यहीं पर दिया गया और कुछ मरीज यहां भी भरती हैं। कम से कम साठ मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं।