देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) ने जोशीमठ के भू धसाव पर चिंता व्यक्त की है । उन्हाेंने कहा है कि वह स्वयं जोशीमठ पहुंचेगे और वहां की स्थिति देखकर यथासंभव मदद करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश ने शनिवार को कहा है कि उत्तराखंड के सभी नेतागण जोशीमठ पहुंच रहे हैं। चिंतित मुख्यमंत्री कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह, वरिष्ठ नेता एवं विधायक पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल पहुंच चुके हैं या पहुंच रहे हैं। रविवार को मैं भी जाऊंगा। उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा भी वहां पहुंच रहे हैं। अपने ट्वीट में हरीश रावत ने लिखा है कि केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय समिति जिसकी मैं लगातार मांग कर रहा था गठित की है। राज्य के विशेषज्ञ भी वहां धरातल पर अध्ययन कर रहे हैं। सारा राज्य जोशीमठ के भाई-बहनों के साथ खड़ा है और हमारी पहचान जोशीमठ को यथारूप बनाए रखने के लिए पूरा राज्य कृतसंकल्प हैं।
जोशीमठ भू-धसाव पर केन्द्र का मिल रहा पूरा सहयोग : सीएम धामी
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि ऐसे समय में मुझे मुनस्यारी के धापा व दूसरे गांव में हुए भीषण भूस्खलन व 2022 में सौंग नदी की बाढ़ से विस्थापित लोगों की याद आ रही है। अभी तक धापा त्रासदी व सौंग नदी की बाढ़ से विस्थापित हुए सभी लोग पुनर्वासित नहीं हुए हैं। 2014-15 और 16 में भी ऐसी ही भीषणतम चुनौती का सामना हमको करना पड़ा है। सारे सहयोगियों के अथक परिश्रम से हम सभी को पुनर्वासित कर पाए थे। उन्होंने लिखा है कि मैं आज सौंग की बाढ़ से विस्थापित हुए लोगों से मिलने जा रहा हूं।