महिलाओं द्वारा मनाए जाने वाले त्योहारों में से हरियाली तीज (Hariyali Teej) प्रमुख है। महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना के साथ इन व्रत को रखती है, जबकि कुंवारी युवतियां जल्द विवाह के लिए यह व्रत रखती है। मान्यता है कि इस व्रत से विवाह के जल्द योग बनते हैं। सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज मनाई जाती है। यहां आपको बताते हैं, इस बार हरियाली तीज (Hariyali Teej) कब और इसकी क्या पूजा विधि है।
कब है हरियाली तीज (Hariyali Teej)
हिंदू कालगणना के अनुसार, सावन माह के शुक्ल की तिथि की शुरुआत 6 अगस्त यानी शुक्रवार को होगी। यह तिथि रात 07 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन यानी 7 अगस्त (शनिवार) को रात 10 बजकर 05 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि का महत्व बताया गया है, ऐसे में हरियाली तीज (Hariyali Teej) 7 अगस्त को मनाई जाएगी।
क्या है पूजा विधि
– सुबह जल्दी उठें और व्रत का संकल्प लें।
– स्नानादि से निवृत होकर हरे कपड़े पहनें।
– मंदिर की सफाई कर पीला कपड़ा बिछाएं।
– भगवान शिव और मां पार्वती की स्थापना करें।
– अब विधि अनुसार भगवान का पूजन करें।
– अंत में आरती कर पूजा का समापन करें।
– इस दौरान हरियाली तीज (Hariyali Teej) की कथा पढ़ने और सुनने का भी विशेष महत्व बताया गया है।
इन बातों पर दें ध्यान
– व्रत के दौरान दिन के समय न सोएं।
– तामसिक चीजों का सेवन न करें।
– व्रत से एक दिन पूर्व मेहंदी लगाएं।
– इस दिन किसी का अपमान न करें।
क्यों मनाई जाती है हरियाली तीज (Hariyali Teej)
हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूम में पाने के लिए कठोर तप किया था। भगवान शिव ने माता पावर्ती की तपस्या को सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को स्वीकार किया था। इसके बाद से ही महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना और कुंवारी युवतियां जल्द विवाद के लिए यह व्रत रखती हैं।