इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने हाथरस केस की सुनवाई की। जजों ने दोनों पक्षों की बात सुनी। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद अब केस की अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी।
सबसे पहले हाथरस केस के पीड़ित परिवार की बात सुनी गई। पीड़िता की मां ने पूरा घटनाक्रम बताया। इसके बाद प्रशासन ने अपना पक्ष रखा। इसमें हाथरस डीएम प्रवीण कुमार और तत्कालीन एसपी ने केस से जुड़े तथ्य सामने रखे। सुनवाई के दौरान कुल 5 लोग कोर्ट परिसर में मौजूद रहे।
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हाथरस मामले की सुनवाई दोपहर 2.15 बजे शुरू हुई। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के जज न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह ने हाथरस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी किया था।
सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की ओर से अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार, हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार और एसपी हाथरस कोर्ट में मौजूद हैं।
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विनोद शाही ने यूपी सरकार का पक्ष रखा। पीड़ित पक्ष की ओर से माता-पिता, दो भाई और भाभी ने कोर्ट के सामने अपना बयान कोर्ट के सामने दर्ज कराया।