हाथरस के बूलगढ़ी गांव में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म के दौरान मारपीट और फिर उसकी मौत की जांच कर रही सीबीआइ की टीम लगातार हाथरस में जमी है।
मंगलवार को टीम ने एक बार घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद निलंबित पुलिसकर्मियों से पूछताछ की है। इसके बाद टीम ने पीड़ित परिवार से घर कर जाकर पूछताछ की। इस दौरान सुरक्षा काफी मुस्तैद थी। उधर, सोमवार को अलीगढ़ मेडिकल कालेज में डाक्टरों से पूछताछ के बाद मंगलवार को वहां के दो डाक्टरों के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने उनको सस्पेंड कर दिया है। दूसरी तरफ इस घटना के मामले में जेल में बंद चार आरोपियों में से एक नाबालिग पाया गया है। नाबालिग बच्चे के परिजनों ने इस संबंध में पुलिस अधिकारियों को उसके नाबालिग होने का प्रमाण पत्र दिया है।
हाथरस कांड की जांच कर रही सीबीआइ की टीम ने मंगलवार को फिर गांव की ओर रुख किया। टीम ने पहले घटनास्थल का मुआयना किया। इसके बाद चंदपा थाना में इस केस के मामले में निलंबित थाना प्रभारी डीके वर्मा और पुलिसकर्मियों से पूछताछ की। टीम से इसके बाद बूलगढ़ी गांव का रुख कर लिया। बूलगढ़ी गांव में पीड़ित के घर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था परखने के बाद टीम घर में गई और दरवाजा बंदकर लिया। यहां पर टीम ने पीड़ित परिवार से केस के बारे में पड़ताल की। मृत युवती की मां, भाभी तथा भाइयों के अलग-अलग पूछताछ करने के बाद पिता से भी पड़ताल की।
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इससे पहले भी टीम ने सोमवार तथा रविवार को भी चंदपा थाना के पूर्व प्रभारी डीके वर्मा से पूछताछ के बाद बूलगढ़ी गांव में आरोपियों के परिवार वालों से पूछताछ की थी। इस दौरान उनके घरों से सबूत जुटाए गए थे।
हाथरस के चंदपा के बुलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को चार लोगों ने 19 साल की दलित लड़की से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने लड़की की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी थी। परिवार के लोगों ने जीभ काटने का भी आरोप लगाया था। दिल्ली में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़ित की मौत हो गई थी। इसके बाद से चारों आरोपी जेल में हैं। इस केस की जांच उत्तर प्रदेश सरकार की एसआइटी के साथ सीबीआइ भी कर रही है। इस केस में लापरवाही बरतने के आरोप में एसपी-डीएसपी समेत पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था।
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उधर, सोमवार को सीबीआई टीम की पूछताछ के बाद मेडिकल कॉलेज के कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर दो डॉक्टरों डॉ. उबैद इम्तियाज उल हक और डॉ. मोहम्मद अजीमुद्दीन मलिक को पद से हटा दिया गया है। ट्रॉमा सेंटर और इमरजेंसी के कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज डॉ. एसएएच जैदी की तरफ से जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि संबंधित दोनों डॉक्टर किसी भी प्रकार की अपनी ड्यूटी को आगे परफॉर्म न करें।
दूसरी तरफ, हाथरस कांड में सीबीआई की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। मंगलवार को मामले में एक नया मोड़ आया है। कथित सामूहिक दुष्कर्म के चार आरोपी फिलहाल अलीगढ़ के जिला कारागार में बंद हैं, लेकिन उनमें से एक के परिजनों ने अपने बेटे के नाबालिग होने का दावा किया है। इस नए खुलासे से सब लोग हैरान हैं।
परिजनों का दावा है कि अभी उनके बेटे की उम्र 18 साल से कम है। इसके बावजूद पुलिस उनके बेटे को गिरफ्तार कर ले गई और जेल में डाल दिया है। वहीं सीबीआई ने आरोपी की दसवीं कक्षा की मार्कशीट को अपने कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।