हाथरस गैंगरेप केस की जांच कर रही एसआइटी को 10 दिनों का एक्सटेंशन मिला है। अब स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम 10 दिनों बाद मामले पर अपनी रिपोर्ट देगी। वहीं लगातार दूसरे दिन एसआइटी की टीम पीड़िता के परिवार से पूछताछ कर रही है।
बता दें कि पूरे मामले की जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम(एसआइटी) 30 सितंबर को गठित की गयी थी, जिसे सात दिनों बाद बुधवार को अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी। लेकिन अब इसे 10 दिनों का एक्सटेंशन यूपी सरकार की ओर से दिया गया है।
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गृह सचिव भगवान स्वरुप की अगुवाई में गठित एसआइटी बीते सात दिनों से केस की जांच में जुटी है। टीम को आज अपनी रिपोर्ट देनी थी। लेकिन जांच के दौरान कई नये तथ्य सामने आये हैं। जिसकी जांच के बाद टीम पूरी रिपोर्ट तैयार करेंगी।
वहीं एसआइटी की टीम लगातार दूसरे दिन पीड़िता के परिवार वालों से बातचीत कर रही है। हालांकि, परिजनों के बयान को दर्ज किया गया है। टीम ने गवाहों से भी पूछताछ की है।
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बता दें कि पीड़िता और उनके परिवार को न्याय दिलाने की मांग लगातार उठ रही है। वहीं पूरे मामले में रोजाना नये तथ्य सामने आ रहे हैं। केस के लिहाज से बेहद अहम ये जानकारियां मोबाइल फोन रिकॉर्ड से निकली है।
मिली जानकारी के मुताबिक, पीड़िता के भाई का मोबाइल फोन जो उसकी भाभी इस्तेमाल करती थी। उस नबंर पर केस के चार आरोपियों में से एक संदीप के मोबाइल नंबर पर लगातार बातें हुईं। बातचीत का सिलसिला 13 अक्टूबर 2019 से 20 मार्च 2020 तक चला। यूपी पुलिस के मुताबिक, दोनों फोन के बीच 104 बार बातचीत हुई, पीड़िता के भाई के मोबाइल से आरोपी संदीप के मोबाइल पर 62 बार कॉल गई और संदीप के मोबाइल से पीड़िता के भाई के नंबर पर 42 बार कॉल किया गया।
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बता दें कि हाथरस के एक गांव में 14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित लड़की से अगड़ी जाति के चार लड़कों ने कथित रूप से रेप किया था। इस लड़की की 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गयी थी। पीड़ित की 30 सितंबर को रात के अंधेरे में उसके घर के पास ही अंत्येष्टि कर दी गयी थी। उसके परिवार का आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने जल्द से जल्द उसका अंतिम संस्कार करने के लिये मजबूर किया। स्थानीय पुलिस अधिकारियों का कहना है कि परिवार की इच्छा के मुताबिक ही अंतिम संस्कार किया गया।