उत्तर प्रदेश के कानपुर में जीका वायरस के मरीज बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमितों के घर के तीन किमी के दायरे में सैंपलिंग का काम शुरू कर दिया है।
स्वास्थ्य विभाग ने पहले चरण में 400 घरों में सैंपल लिये जा रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग की 72 टीमों को जिला प्रशासन से निर्देश मिले हैं कि संक्रमितों के इलाकों में रहने वालों के नमूने लिये जाएं और गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता दी जाए।
सीएमओ ड़ॉ.नैपाल सिंह के मुताबिक स्क्रीनिंग व सैंपलिंग दोनो पर जोर दिया जा रहा है ताकि जीका वायरस की रोकथाम की जा सके। जीएसवीएम मेडि़कल कॉलेज के विशेषज्ञ जीका वायरस के मरीजों का बेहतर इलाज प्रबंधन के लिए उर्सला व कांशीराम अस्पताल के ड़ॉक्टर व पैरामेडि़कल स्टाफ को प्रशिक्षण देंगे। जूम मीटिंग के जरिए यह प्रशिक्षण दिया जाएगा और इस के साथ कांशीराम अस्पताल में जीका वायरस के मरीजों के लिए 100 बेड़ तैयार किये गये हैं।सभी मच्छरदानियों से लैस हैं।
मेडि़कल कॉलेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग के प्रोफेसर ड़ॉ. विकास मिश्र ने बताया कि नवंबर में डेंगू व जीका वायरस के संक्रमण बढ़ने की आशंका है। इस समय का तापमान वायरस के लिए अनुकूल माना जाता है। ऐसे में मच्छर तेजी से संक्रमण फैला सकते हैं।
IGNOU ने PG-UG कार्यक्रमों में एडमिशन की लास्ट डेट बढ़ी, ऐसे करें आवेदन
एयरफोर्स चकेरी में चार केस मिलने के बाद दहशत का माहौल है।पांच टीमें एन–4‚52‚1और स्टेशन के अंदर के गांव बीबीपुर‚ गऊखेड़़ा व अन्य स्थानों में फॉगिंग व एंटी लार्वा का छिड़़काव कर रही हैं।बाहर के अधिकारियों व अन्य लोगों को कैंपस मे आने से मना कर दिया गया है।एचएएल में भी अलर्ट जारी हुआ है। बुखार से ग्रस्त लोगों की जांच करायी जा रही है।
कानपुर में 10 जीका वायरस केस मिलने के बाद हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।चकेरी क्षेत्र के 9 इलाके पोखरपुर‚ ओमपुरवा‚ लालकुर्ती‚ आदर्शनगर‚ श्यामनगर‚ कालीबाड़़ी‚काजी खेड़़ा व पूनम टॉकीज क्षेत्र कंटेनमेंट जोन बनाये गये हैं।
अपर निदेशक ड़ॉ. जीके मिश्र का कहना है कि संक्रमण के खतरे को देखते हुए ड़ोर टू ड़ोर टेस्टिंग हो रही है। और स्वास्थ विभाग की टीमें घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने के लिए काम कर रहे हैं। इस के साथ मलेरिया की टीमें मच्छर व लार्वा नष्ट करने के लिए फॉगिंग व छिड़़काव को तेजी के साथ करवाया जा रहा है।