लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) के निर्देश पर आज सभी नगर निगम क्षेत्रों में नगर आयुक्त के स्तर पर जनसुनवाई की गयी और इसमें लोगों की शिकायतों का त्वरित व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया गया। इस दौरान 17 नगर निगमों में कुल 364 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें से 63 शिकायतें निस्तारित कर दी गई है और शेष 301 शिकायतों के निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है।
इस प्रकार नगर निगम स्तर पर अभी तक की गई जनसुनवाई में 1340 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिसमें से 353 शिकायतें निस्तारित कर दी गईं और शेष 987 शिकायतों के निस्तारण हेतु संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है।
इसी प्रकार सोमवार को सभी नगर पालिका परिषदों एवं नगर पंचायत क्षेत्र के अधिशासी अधिकारियों द्वारा की गई जनसुनवाई में कुल 920 प्राप्त शिकायतों में से 839 शिकायतों का निस्तारण किया गया। शेष 81 लंबित शिकायतों के समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है। इस प्रकार सम्भव व्यवस्था के तहत प्रदेश के सभी नगरीय निकायों नगर निगम, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत स्तर पर अब तक हुई जन सुनवाई में 5122 प्राप्त शिकायतों में 3656 शिकायतों का निस्तारण किया गया तथा शेष 1466 शिकायतें के निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है।
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आज की जनसुनवाई में दुकानों के बाहर व नालियों पर अतिक्रमण, पार्क में अवैध कब्जा, सीवर लाइन चोक, लंबित भुगतान, मृतक आश्रित की नियुक्ति, हाईमास्क लाईट लगाने, गृह कर, नालियों की सफाई, भूमि विवाद, रिटायर कर्मचारियों का भुगतान, सड़कों/गलियों की मरम्मत, जलकल से संबंधित मामले सुने गये। मंत्री जी के निर्देश पर नगरीय निकायों में जनसुनवाई की ’सम्भव’ (सिस्टमैटिक एडमिनिस्टेटिव मैकॅनिज्म ब्रिंग हैप्पीनेस एण्ड वैल्यू) (Sambhav) नामक यह व्यवस्था से लोगों की तमाम समस्याओं का समाधान त्वरित गति एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से किया जा रहा है।
नगर विकास मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने ’सम्भव’ पोर्टल (Sambhav) की व्यवस्थानुसार हो रही जनसुनवाई कार्यक्रम की सफलता पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने बताया कि सभी नगरीय निकायों में जनसुनवाई कार्यक्रम आगे भी इसी तरह आयोजित होते रहेंगे। कहा कि जन शिकायतों के निस्तारण की गुणवत्ता से ही अधिकारियों के कार्यों का मूल्यांकन होगा। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से नागरिकों की शिकायतों का स्थानीय स्तर पर ही निस्तारण हो सकेगा और लोगों को एक पारदर्शी व जवाबदेही व्यवस्था मिलेगी।