काठमांडू। नेपाल में जारी राजनीतिक संकट को लेकर नेपाल की सुप्रीम कोर्ट बुधवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी द्वारा हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटि को भंग करने पर सुनवाई करेगा। प्रधानमंत्रा के संसद भंग करने के खिलाफ 13 रिट याचिकाओं पर आज सुनवाई होनी है। राष्ट्रपति के कार्यालय, प्रधानमंत्री के कार्यालय और मंत्रिपरिषद और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के स्पीकर ने 25 दिसंबर को जारी कोर्ट के आदेश के अनुसार अदालत में अपनी लिखित जवाब सौंप दी हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ ने खबरहब के हवाले से इसकी जानकारी दी है।
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खबरहब के अनुसार चीफ जस्टिस चोलेंद्र शमशेर राणा की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संवैधानिक बेंच सरकार द्वारा हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव को भंग करने के कदम के खिलाफ दायर रिट याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। याचिका पर सुनवाई करने वाली खंडपीठ इस मुद्दे पर अंतिम फैसला देगी कि क्या संविधान के अनुरूप हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव को मंग किया गया या नहीं।
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बता दें नेपाल के राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी द्वारा 20 दिसंबर को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर निचले सदन को भंग कर दिया गया था। इसके बाद से ही देश में राजनीतिक संकट जारी है। संसद को भंग करने के बाद, ओली ने 30 अप्रैल और 10 मई, 2021 को चुनाव तय समय से लगभग दो साल पहले प्रस्तावित किया।