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डेस्क वर्क करने वाले लोगों में ज्यादा होता है हृदय रोग, बचाव के लिए करें ये उपाय

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Computer Work

यदि आप एक कार्यालय में काम करते हैं, तो आप शायद अपने दिन का एक बड़ा हिस्सा अपने डेस्क (Desk Work) पर बैठकर बिताते हैं। पूरे दिन एक डेस्क पर बैठना आपकी पीठ, आपके आसन और आपके सामान्य स्वास्थ्य के लिए खराब है। हाल ही में चाइनीज एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज और पेकिंग यूनियन मेडिकल कॉलेज द्वारा किए गए शोध में सामने आया है कि जो लोग दिन में 8 घंटे अपने डेस्क पर बैठते हैं, उनमें दूसरे लोगों के मुकाबले दिल का दौरा या स्ट्रोक होने की संभावना 20% अधिक होती है। 11 वर्षों के दौरान, शोधकर्ताओं ने 21 देशों के 105,677 लोगों के रिकॉर्ड की जांच की। अध्ययन के अंत में यह बात सामने आई है कि लगभग 6,200 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी थी। जिसमें से 2,300 दिल के दौरे, 3,000 स्ट्रोक और हार्ट फेल के 700 मामले थे।

आपको बता दे, हृदय रोग साइलेंट किलर रूप में तेजी से फेल रहा है। इसका प्रकोप से भारत भी नहीं बचा हुआ है। हृदय रोग मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुमानों के अनुसार, विश्व के कुल हृदय रोग के मामले का 60% हिस्सा अकेले भारत का है। इसमें सबसे ज्यादा इस्केमिक, हाई ब्लड प्रेशर और रक्त धमनियों से संबंधित रोग शामिल हैं।

हालाकि, शोधकर्ताओं ने यह भी बताया है कि डेस्क पर बिताए जाने वाले समय को कम करने और शारीरिक गतिविधि बढ़ाने के साथ धूम्रपान जैसी आदतों को छोड़ने से हृदय रोग का खतरे को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि लंबे समय तक बैठने के साथ-साथ शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण 8.8% मौतें और 5.8% हृदय रोग के मामले सामने आए हैं। इसलिए डॉक्टर लोगों को काम के बीच में नियमित ब्रेक लेने की सलाह भी देते हैं।

लंबे समय तक बैठने से होने वाली अन्य स्वास्थ्य समस्याएं

हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल

लंबे समय तक बैठे रहने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) की समस्या हो सकती है और कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है।

अग्नाशय या पाचक ग्रंथि में बदलाव

लंबे समय तक बैठे रहने से अग्नाशय या पाचक ग्रंथि अधिक सक्रिय हो जाती है और इस कारण से अधिक इंसुलिन पैदा करता है। इस हॉर्मोन से कोशिकाओं को ग्लूकोज के तौर पर एक उर्जा स्रोत पहुंचाए जाने का काम होता है, लेकिन चूंकि ऐसी अवस्था में मांसपेशियों की कोशिकाएं निष्क्रिय होती हैं इसलिए इंसुलिन को प्रयोग में नहीं ला पाता है। इसके चलते ऐसी स्थिति पैदा हो जाती है कि इंसुलिन की अधिकता से मधुमेह और अन्य बीमारियां पैदा हो जाती हैं।

कोलोन कैंसर का खतरा

लंबे समय तक बैठे रहने से कोलोन कैंसर का खतरा बना रहता है। इतना ही नहीं, किन्हीं कारणों से स्तन और अन्तर्गर्भाशयकला (एन्डोमेट्रीअल) कैंसर होने का भी खतरा बना रहता है।

मांसपेशियों में कमजोरी

अधिक समय तक बैठे रहने से पीठ और पेट की मांसपेशियां ढीली पड़ने लगती हैं। इसी स्थिति के चलते आपके कूल्हे और पैरों की मांशपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं। लंबे समय तक एक स्थिति में बैठने का परिणाम यह भी हो सकता है कि आपकी रीढ़ की हड्‍डी भी पूरी तरह से सीधी न रह सके। इसी के परिणाम स्वरूप कूल्हे और पैरों की सक्रियता प्रभावित होती है और ये अंग सख्त होते जाते हैं और इनकी स्वाभाविक नमनीयता खत्म होने लगती है।

दिमाग पर असर

मस्तिष्क पर भी अधिक समय तक बैठे रहना बुरा असर डालता है। मस्तिष्क की कार्यप्रणाली धीमी हो जाती है। मांसपेशियों की सक्रियता से मस्तिष्क में ताजा खून और ऑक्सीजन की मात्रा पहुंचती है, जिसके ऐसे रसायन उत्पन्न होते हैं जोकि दिमाग को सक्रिय बनाए रखते हैं लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो मस्तिष्क की क्षमता पर भी विपरीत असर पढ़ता है।

गर्दन में तनाव

लंबे समय तक कम्प्यूटर पर बैठने या टाइप करने से गर्दन भी सख्त हो जाती है। इस अस्वाभाविक हालत का परिणाम यह होता है कि गर्दन में तनाव पैदा हो जाती है। इसके कारण कंधों और पीठ में भी दर्द होने लगता है।

पीठ पर बुरा असर

एक जैसी स्थिति में बैठे रहने से रीढ़ की हड्‍डी की नमनीयता की विशेषता दुष्प्रभावित होती है और इसमें डिस्क क्षतिग्रस्त भी हो सकते हैं।

करें ये उपाय

​नेक स्ट्रेचिंग है फायदेमंद

​नेक स्ट्रेचिंग आप खड़े और बैठे दोनों स्थिति में कर सकते है, बस सिर को बाईं ओर और फिर दाईं ओर झुकाने की जरूरत है। ज्यादा बेहतर अनुभव के लिए आप कुर्सी के किनारे को पकड़कर नेक स्ट्रेच कर सकते हैं।

शोल्डर श्रग करने से मिलेगी राहत

​शोल्डर श्रग करने के लिए आप अपने कंधों को ऊपर उठाएं कुछ सेकंड के लिए इसी अवस्था में रहें और फिर उन्हें वापस नीचे लाएं। ऐसा ही 4-5 बार दोहराएं। साथ ही कंधों में पैदा हुए तनाव को कम करने के लिए आप कंधों को आगे और पीछे भी घुमा सकते हैं।

टोर्सो स्ट्रेचिंग से रहेंगे तनाव मुक्त

बैठे हुए लैपटॉप पर लगातार काम करने से आपको धड़ में तनाव महसुस हो सकाता है। इसे दूर करने के लिए आप दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में मिला लें और अपनी बाहों को छत की ओर फैलाएं। ऐसा करते वक्त गहरी सांस लें और सांस छोड़ते वक्त बाजुओं को नीचे लाएं।

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