लखनऊ। सरोजनीनगर इलाके में सोमवार की देर रात संदिग्ध परिस्थितियों में एक तीन मंजिला गोदाम के भीतर आग लग गई। जानकारी होने पर इसकी सूचना फायर ब्रिगेड को दी गई। सूचना पाकर भारी संख्या में पहुंची दमकल गाडिय़ों के कर्मी पूरी रात आग बुझाती रहे, लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका।
जिसके बाद दमकल की अन्य गाडिय़ां मंगानी पड़ी। दमकल कर्मियों की कड़ी मशक्कत से लगभग 16 घंटे बाद मंगलवार शाम करीब 5 बजे आग बुझाई जा सकी। इस अग्निकांड में करोड़ों रुपए का नुकसान होना बताया जा रहा है। फायर अधिकारियों ने बताया कि आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
कृष्णा नगर के बारा बिरवा निवासी बद्री अग्रवाल व उसके भाई रमन अग्रवाल का सरोजनीनगर के ट्रांसपोर्ट नगर में शीतल फार्मास्युटिकल्स, कुसुम हेल्थ केयर, डीएफएम फूड्स लिमिटेड व बेस्टोकेम फॉर्मूलेशंस सहित कई अन्य नामक संयुक्त रूप से दवा, कॉस्मेटिक्स और बच्चों के खाने वाली नमकीन का बेसमेंट सहित तीन मंजिला एक बड़ा गोदाम है। गोदाम के ऊपरी हिस्से में कुछ मजदूर भी रहते हैं। बताते हैं कि सोमवार रात करीब 11 बजे गोदाम के बेसमेंट से अचानक संदिग्ध हालत में धुआं उठने लगा।
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चिप्स व नूडल्स आदि भरे गोदाम से तेज धुआं उठते देख मजदूरों के होश उड़ गए। उन्होंने आनन-फानन इसकी सूचना गोदाम मालिक रमन अग्रवाल को दी। सूचना के बाद पहुंचे रमन अग्रवाल ने अपने कर्मचारियों और मजदूरों की मदद से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन काफी देर तक मेहनत करने के बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका। बल्कि कुछ देर में ही आग ने दूसरे व तीसरे मंजिल पर मौजूद गोदाम को भी अपनी गिर त में ले लिया और उनसे आग की तेज लपटें उठने लगी। गोदाम में तेजी से भीषण आग बढ़ती देख बाद में आनन-फानन घटना की सूचना फायर कंट्रोल रूम को दी गई।
जानकारी मिलते ही सरोजनीनगर, आलमबाग, पीजीआई और चौक से दमकल की तमाम गाडिय़ां मौके पर पहुंची, लेकिन कई घंटों तक आग पर पानी फेंकने के बाद भी दमकल कर्मी आग को काबू नहीं कर सके। बाद में आग काबू न होते देख मौके पर जेसीबी मशीन मंगाई गई। जेसीबी मशीन से गोदाम की पिछले हिस्से की दीवार तोड़कर आग को काबू करने की कोशिश की गई, मगर आग बुझने के बजाय और तेज बढ़ती रही। आलम यह रहा कि सोमवार रात 11 बजे लगी आग को मंगलवार शाम करीब 5 बजे तक दमकल कर्मी बुझाते रहे।
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तब कहीं जाकर करीब 16 घंटे बाद आग को काबू किया जा सका। यहां आग बुझाने में करीब डेढ़ सौ गाड़ी पानी लग गया। इस अग्निकांड में कई करोड़ रुपए कीमत की दवा, कॉस्मेटिक सामान और बच्चों के खानी वाली नमकीन जलकर राख होने की बात बताई जा रही है। उधर आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है।
मौके पर पहुंची एसडीआरएफ
गोदाम में विकराल रूप धारण कर चुकी आग बुझाने में जब दमकल कर्मी परेशान हो गए, तो इसके बाद सूचना पाकर राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम भी मौके पर पहुंची। एसडीआरएफ के सहायक सेनानायक आत्मप्रकाश यादव के नेतृत्व में पहुंची टीम ने भी आग बुझाने में काफी मेहनत की। जिसके बाद ही आग को काबू किया जा सका।
बैरिकेटिंग कर रोके गए सभी रास्ते
गोदाम में लगी भीषण आग को काबू करने के लिए उसके अगल-बगल के रास्ते तक बंद करने पड़ गए। उन्हें पुलिस को बैरिकेडिंग कर रास्ता रोकना पड़ा। बताते हैं कि आग बुझाने में कोई व्यवधान ना हो और उसकी चपेट में आकर कोई दूसरा हादसा ना हो सके, इसके लिए गोदाम के बगल से गुजरे मु य रास्ते को भी सुबह से ही बंद कर दिया गया। जिसकी वजह से दमकल गाडिय़ों को छोड़कर कोई अन्य वाहन उधर से नहीं गुजर सके, बल्कि उन्हें रास्ता बंद होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
भारी मात्रा में रखा था सैनेटाइजर
सीएफओ विजय कुमार सिंह ने बताया कि गोदाम काफी लंबा था। बेसमेंट से लेकर तीन तलों तक सैनिटाइजर, दवाइयों के गत्ते और नमकीन के पैकेट रखे थे। सैनिटाइजर अत्यधिक ज्वलनशील होता है। इसके साथ ही नमकीन के पैकेट भी। गोदाम में प्रवेश और निकासी के लिए सिर्फ एक ही रास्ता था। इस कारण आग बुझाने में काफी दिक्कतें हुईं।
खाली कराए गए आस पड़ोस के मकान
अग्निकांड के दौरान आस पड़ोस में भीषण धुंआ फैल गया। सुरक्षा के दृष्टिगत घरों में रहने वाले वाले लोगों और लेबरों को निकाला गया। दम घोंटू धुंए से लोग काफी हलकान रहें। उन्हें सांस लेने में दिक्कतें हो रही थीं। इसी तरह फायर फाइटिंग में लगे दमकल कर्मियों को भी आग बुझाने में दिक्कतें हुईं।